(मुंबई में रविवार को शक्ति प्रदर्शन के दौरान उद्धव ठाकरे।)
मुंबई/ नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के
बंटवारे को लेकर भाजपा और शिवसेना का 25 वर्ष पुराना गठबंधन टूटने के कगार
पर पहुंच गया और दोनों दल अंतिम निर्णय के लिए एक दूसरे का इम्तहान लेने
में लगे हैं। भाजपा 130 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन शिवसेना उसे
119 सीटों से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं है। दिन भर दिल्ली में भाजपा
नेताओं की और मुंबई में शिवसेना नेताओं की बैठकें हुईं जिनमें दोनों दल
अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे। इस बीच उद्धव ने नए फार्मूले को गठबंधन बचाने
का शिवसेना का अंतिम प्रयास बताया। उन्होंने कहा कहा, ‘छोटे मुद्दे बड़े बन
रहे हैं। जबकि सबसे अहम यह था कि महाराष्ट्र से कांग्रेस को बेदखल किया
जाए। हमें नीचा दिखाने की कोशिश न हो। यदि इस मामले में खींच-तान जारी रही,
तो सेना के शेर सबक सिखाने के लिए तैयार हैं।'' उन्होंने भाजपा को
अल्टीमेटम देते हुए कहा कि गठबंधन को बचाने के लिए यह आखिरी मौका है।
सूत्रों के अनुसार दोनों दलों ने महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर अपने
उम्मीदवार खड़े करने की कवायद शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
की मौजूदगी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में रविवार को यहां पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की पांच घंटे चली बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
भाजपा ने शिवसेना को अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है और अब वह उसके अंतिम
निर्णय की प्रतीक्षा करेगी। दूसरी आेर शिवसेना ने भी सोमवार तक इंतजार
करने का फैसला किया है। भाजपा, शिवसेना से 130 सीटों की मांग पर अड़ी हुई
है जबकि शिवसेना उसे 119 सीटों से ज्यादा देने के पक्ष में नहीं है।
दिल्ली में भाजपा और मुंबई में शिवसेना के नेता एक दूसरे पर दिन भर दबाव
बनाते दिखे। दोनों दलों का 25 साल पुराना गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर
टूटने के कगार पर जा पहुंचा है।
भाजपा अध्यक्ष ने की मुलाकात
भाजपा महाराष्ट्र के नेताओं ने अमित शाह से सुबह मुलाकात की और पार्टी
की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी इस बात पर जोर दिया कि अगर
शिवसेना उनकी मांग को नहीं मानती है तो पार्टी को राज्य में अकेले ही चुनाव
लड़ना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि बढ़ते टकराव को देखते हुये भाजपा और
शिवसेना ने महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के चयन की
कवायद शुरू कर दी है।
भाजपा के महाराष्ट्र के नेता एकनाथ खड़से और विनोद तावड़े ने यहां
संवाददाताओं को बताया कि भाजपा इस गठबंधन को बनाये रखना चाहती हैऔर इतिहास
गवाह है कि पहले भी उसने इसके खातिर अपनी सीटें छोड़ी हैं। तावड़े ने कहा
कि भाजपा उन 59 सीटों के बारे में शिवसेना के साथ बातचीत करना चाहती है
जिन्हें पिछले 25 साल में इस गठबंधन के बनने के बाद वह कभी जीत नहीं पाई।
उसका एकमात्र लक्ष्य राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
गठबंधन को सत्ता से बेदखल करना है । दूसरी आेर शिवेसना अपने प्रस्ताव से
पीछे हटने को तैयार नहीं है जिसमें उसने भाजपा को 119 सीटें दिये जाने और
अपने लिए 151 सीटें रखने तथा बाकी 18 सीटें गठबंधन के बाकी दलों के लिए
रखने की पेशकश की है।
शिवसेना का फार्मूला
शिवसेना | 151 सीटें |
भाजपा | 119 सीटें |
घटक दल | 18 सीटें |
क्या चाहती है भाजपा
शिवसेना | 140 सीटें |
भाजपा | 130 सीटें |
घटल दल | 18 सीटें |
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