आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 सितंबर 2014

जली बेटी

दहेज़ से जली बेटी को बाप ने
जब आग देनी चाही.... लाश बोल पड़ी...

बाबूजी..! फिर मत जलाओ
जलने में बड़ा दर्द होता है....!!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...