प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह चाहे भारत को गुमराह कर जनता को बेवक़ूफ़ बना रहे थे ,,,लेकिन
जिन योजनाओं का विरोध कर नरेंदर मोदी प्रधानमंत्री बने उन्होंने
प्रधानमंत्री बनते है उन्ही की योजना नाम बदल कर चालु कर दी ,,,भाई यह
बैंक में खाते तो मनमोहन सिंह भी खुलवा रहे थे ,,लेकिन उनका विरोध क्या अब
वही योजना नरेंद्र मोदी साहब ने जनता पर थोप दी है ,,,खेर भाई बैंक में
ज़ीरो बेलेंस पर खाते भी खुल जाएंगे लेकिन बैंक नियम
जिसमे न्यूनतम राशि बैंक खातों में होना चाहिए ,,,ट्रांसेक्शन पर शुल्क
लगेगा उसमे तो कोई बदलाव नहीं हुआ यानी जो राशि सरकार देगी वोह बैंक में ही
जमा रखना होगी न्यूनतम बेलेंस के नाम पर वरना खाता क्लोज़ ,,और ट्रांजेक्शन
शुल्क तो बैंक की जेब में अरबों रूपये मुफ्त जाएगा है ,,,अजीब बेवक़ूफ़
बनाने के धंधे है न भाई ,,,बाबा रामदेव जैसे बिना स्कूल कॉलेज गए लोग अगर
सलाहकार रहेंगे तो योजना तो ऐसी ही बनाकर थोपी जायेगी जो बाद में आम जनता
को खून के आंसू रुला दे ,,,इधर जनता को लाइनों में लगाओ ,,व्यस्त कर दो और
खुद मनमानी कर गुलछर्रे उड़ाओ ,,,तुम क्या कर रहे हो राष्ट्रहित में है या
नहीं जनता से सुझाव लिए बगैर लागू कर दो यही अच्छे दिनों का सपना है बेंको
के अच्छे दिनों की शुरआत है ,,,,जनता को कामकाज लालच में उलझा कर मज़े करने
के अच्छे दिनों की शुरुआत है ,,,अख्तर
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