यह
जैसे स्वामी ,,यह कैसे संत ,,यह कैसे साधू ,,,,यह कैसे लोग ,,जो मर्यादाओं
,,संस्कृति ,,विधि नियमों की परम्परा को त्याग कर दुनियादारी में लगे है
,,,,राजनीति में लगे है ,,,सियासी उपभोग कर रहे है ,,ज़रा समझाइये धर्मांध
से जुड़े लोगों क्या ऐसे लोग जो दोहरी ज़िंदगी जी रहे हो एक तरफ यह सब और
दूसरी तरफ सियासत ,,सियासत वोह लोग किसी भी मज़हब किसी भी संस्कृति को बचा
पाएंगे ,,चाहे मोलवी हो ,,मुफ़्ती हो मौलाना हो
चाहे साधू ,,स्वामी ,,संत ,,महाराज हो जो दुनियादारी के मोह में है उनसे
तो अब जनता को ही एक जुट होकर देश को बचाना होगा ,,वरना यह लोग सिर्फ खुद
को स्थापित करने के लिए देश में नफरत का खेल खेल रहे है इसे हमे और आपको
मिलकर रोकना होगा ,,समझना होगा के धार्मिक परम्पराओ के खिलाफ यह कथित
धर्मगुरु धर्म की शिक्षा देने की जगह नफरत का पाठ पढ़ा रहे है ,,खुद तो धर्म
की किताबें छोड़ सियासत कर लोगों को भड़का कर वोट लेकर संसद में मज़े कर रहे
है और देश को बचाने के लिए राष्ट्रहित में कालाधन ,,,,जमाखोरी
,,भ्रष्टाचार वगेरा मामले में कुछ नहीं बोल रहे है ,,ज़रा समझो और इन्हे
बेनक़ाब करो ,
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