आपका-अख्तर खान

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08 सितंबर 2014

वे शायरों की कलम

वे शायरों की कलम बेज़ुबान कर देंगे
जो मुँह से बोलेगा उसका ‘निदान’ कर देंगे !

तुम्हारी ‘चुप’ को समर्थन का नाम दे देंगे,
बयान अपना, तुम्हारा बयान कर देंगे !

वे शेखचिल्ली की शैली में, एक ही पल में,
निरस्त अच्छा-भला ‘संविधान’ कर देंगे !

तुम्हें पिलायेंगे कुछ इस तरह धरम-घुट्टी
वे चार दिन में तुम्हें ‘बुद्धिमान’ कर देंगे !!

(जहीर कुरैशी)

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