राजस्थान
के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत जिनके मुख्यमंत्री पद पर रहते ज़मीन पर
पाँव नहीं थे ,,अब जनता द्वारा नकार देने के बाद इनके पैर ज़मीन में ही है
,,हालात यह के अपनी करतूतों की शर्म से यह ज़मीन में गढ़े जा रहे है और जिन
ज़मीनी कार्यकर्ताओं को यह खुद ,,इनके दलाल ,,इनके सुरक्षा कर्मी पास तक
नहीं फटकने देते थे ,,धक्के मार मार कर अपमानित करते थे आज वही अशोक गेहलोत
भीगी बिल्ली बनकर खामोशी से फोटु सेशन करवा रहे है ,,है न बदलाव ,,है न
सत्ता और सत्ता छिनने के बाद का फ़र्क़ ,,है ना सच्ची कहावत के जनता ही
जनार्दन है और कोई भी पार्टी हो कार्यकर्ता ही उसके माई बाप है
,,,,,,,,,,,अख्तर
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 सितंबर 2014
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वक्त वक्त की बात है,अभी दिल्ली में कोई सुनने वाला नहीं, राहुल दरबार में वैसे लोगों ने बखिया उधेड़ दी ,वैसे भी अभी तो दरबार उजड़ा हुआ ही है,सोनिआ माता के पास भी अब वे पहले वाले रंग नहीं रहे,क्या करे वसुंधरा ने सारा खेल ही बिगाड़ दिया , कहीं का न रखा , अब इन लोगों से ही आस है
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