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19 जुलाई 2014

आह से आसमान




( बस एक तमन्ना )

छोटी सी इल्तजा
तुम मेरी सुन लो ...
कुछ देर पंछी बन
उड़ने कि मौहलत
मुझे दे दो |

कभी चाँद में छुप जाऊ ,
कभी बादल में समा जाऊ ,
ये छोटी सी ख्वाइश
पूरी , मेरी कर दो ,
कुछ देर उड़ने की
इज़ाज़त मुझे दे दो |

रच दूँ जो कोई सरगम
सुरों को साथ में लेकर
तो बेहिचक गीत रचने की
इज़ाजत मुझे दे दो ,
कुछ देर उड़ने की
महौलत मुझे दे दो |

तपती रेत में जब
पाँव , मेरे जल जाएँ ...
आह से आसमान
बेशक काँप भी जाए
उस पल मरहम लगाने का
होंसला तुम मुझे दे दो ,
कुछ देर उड़ने का
वादा मुझे दे दो |

मैं सागर हूँ सीमाओं को
पहचानती हूँ
तुम करके भरोसा
पंख पसारने की
इजाजत मुझे दे दो ,
कुछ पल उड़ने की
महौलत मुझे दे दो |
तुम मेरी सुन लो ...
कुछ देर पंछी बन
उड़ने कि मौहलत
मुझे दे दो |

कभी चाँद में छुप जाऊ ,
कभी बादल में समा जाऊ ,
ये छोटी सी ख्वाइश
पूरी , मेरी कर दो ,
कुछ देर उड़ने की
इज़ाज़त मुझे दे दो |

रच दूँ जो कोई सरगम
सुरों को साथ में लेकर
तो बेहिचक गीत रचने की
इज़ाजत मुझे दे दो ,
कुछ देर उड़ने की
महौलत मुझे दे दो |

तपती रेत में जब
पाँव , मेरे जल जाएँ ...
आह से आसमान
बेशक काँप भी जाए
उस पल मरहम लगाने का
होंसला तुम मुझे दे दो ,
कुछ देर उड़ने का
वादा मुझे दे दो |

मैं सागर हूँ सीमाओं को
पहचानती हूँ
तुम करके भरोसा
पंख पसारने की
इजाजत मुझे दे दो ,
कुछ पल उड़ने की
महौलत मुझे दे दो |

1 टिप्पणी:

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