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06 फ़रवरी 2014

फेसबुक पर धड़ाधड़ लिखापढ़ी और छिछालेदारी भी है

मेरे ब्लॉगर दोस्तों आदाब ,,सलाम ,,सतसिरिकाल ,,राम राम सा ,,,,,कई दिनों ,,कई हफ्तों और कई महीनों से में ब्लॉग की दुनिया से  बेवफा हो गया ,,मेने ब्लॉग से बेवफाई की ब्लॉग से जुड़ कर भी ब्लॉगर भाइयों को खुद के साथ जोड़  न सका ,,उनका विशवास उनका प्यार जीत न सका ,,दोस्तों कहते है ना आराम से कुछ मिले तो आदमी आराम की तरफ  शॉर्ट कट से जाता है ,,,,,,,और इसीलिए में फेसबुक की तरफ चला गया था मेरा रुझान फेसबुक और ट्विटर वगेरा पर चला गया था ,,,लेकिन एकेडमिक ,,साहित्यिक ,,,वातावरण ब्लॉगिंग की दुनिया में ही है ,,फेसबुक पर धड़ाधड़ लिखापढ़ी और छिछालेदारी भी है ,,अब सुबह  का भुला शाम को घर वापसी पर है फिर ब्लॉगिंग पर है ,,ब्लॉगिंग कल भी ज़िंदाबाद थी आज भी ज़िंदाबाद है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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