नई दिल्ली/मधुबनी/जालंधर। आशुतोष महाराज के परिजन उन्हें मृत मान चुके हैं। परिजनों का आरोप है कि महाराज का देहांत कई दिन पूर्व हो चुका है, लेकिन जानबूझकर यह बात सार्वजनिक नहीं की जा रही। साथ ही परिजनों ने महाराज की संपत्ति में हिस्से की मांग भी की है। महाराज के बेटे व भतीजे का कहना है कि वे आशुतोष जी की संपत्ति के स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं। उनका परिवार इस बाबत कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है। आशुतोष महाराज का बेटा दिलीप झा शुक्रवार को अपने गांव लखनौर (मधुबनी) में अनशन पर बैठ गया है।
बताया जा रहा है कि संस्थान के पास 1000 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। उन्होंने पंजाब सरकार से भी इस बाबत कानून के मुताबिक कार्रवाई की अपील की है। भवेंद्र झा के मुताबिक, जल्द से जल्द आशुतोष का संस्कार हो। आश्रम का दावा है कि महाराज समाधि में हैं। हालांकि, परिवार अब इसे ढकोसला बता रहा है।
महाराज के छोटे भाई भवेंद्र का कहना है कि अब कानून को अपना काम करना चाहिए। भतीजे पवन झा का कहना है कि आशुतोष जी का शव उनके परिवार को सौंपा जाए। पवन ने महाराज की संपत्ति में हिस्से की भी मांग रखी है। उनका कहना है कि बिहार में रहने वाला महाराज का बेटा व परिवार के अन्य सदस्य बेहद गरीब हैं। अब इन लोगों को महाराज की संपत्ति में से कम से कम इतनी रकम तो मिलनी ही चाहिए जिससे उनकी गरीबी दूर हो सके। परिजन चाहते हैं कि संस्था के कर्ताधर्ता उन्हें उनका हिस्सा दें। ऐसा न होने की सूरत में कानूनी उपायों पर विचार किया जाएगा। हालांकि अभी तक परिवार ने कोई कानूनी नोटिस नहीं भेजा है।
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