राजगोपाल ने अपना बचाव करते हुए कहा कहा, 'मैं टीडीपी सांसद एम वेणुगोपाल रेड्डी को बचाने के लिए सदन के बीच गया था। वहां कांग्रेस सांसदों ने रेड्डी पर हमला कर दिया था। मैं दौड़कर उन्हें बचाने पहुंचा तो कांग्रेस सांसद मेरे ऊपर भी टूट पड़े। तब आत्मरक्षा में मैंने मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया।'
पांच दिन के लिए 17 सांसद सस्पेंड
लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने इस मसले पर कार्रवाई करते हुए हंगामा करने वाले 17 सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। इनमें एल. राजगोपाल, एम. वेणुगोपाल और जगनमोहन रेड्डी शामिल हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा है कि उनकी पार्टी अब सरकार के साथ कोई सहयोग नहीं करेंगीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बुलाए जाने पर उन्होंने सलाह दी थी कि पहले रेल बजट पारित कराया जाए, अंदरूनी विरोध शांत किया जाए और तब तेलंगाना बिल पेश किया जाए। सुषमा बोलीं, 'बुला कर सलाह मांगते हैं और मानते हैं नहीं। इसलिए अब हम कोई सहयोग नहीं करेंगे।'
संसदीय इतिहास का काला अध्याय
लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना का मुद्दा इतना गरमाया कि गुरुवार को भारत के संसदीय इतिहास में एक काला अध्याय लिख गया। सरकार ने विरोध, मारपीट, मिर्च पाउडर के छिड़काव जैसी घटनाओं के बीच अलग तेलंगाना बनाने का बिल पेश करने की औपचारिकता पूरी की। इसका विरोध करने वाले सांसद मारपीट पर उतारू हो गए। तोड़फोड़ की। कांग्रेस से निकाले गए विजयवाड़ा से सांसद एल. राजगोपाल ने मिर्च का पाउडर छिड़क दिया। आंध्र के सांसद एम. वेणुगोपाल पर चाकू निकालने का आरोप है। हालांकि, उनका कहना है कि उन्होंने माइक तोड़ा थी और उसे ही हाथ में लिया था, जिसे चाकू बताया जा रहा है।
बेहोश हो गए थे सांसद
घटना के बाद जब कई सांसदों की तबीयत खराब होने लगी तो उन्हें पास के राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जरूरी उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। टीडीपी के सांसद के नारायण राव बेहोश गए। उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि यह साफ नहीं है कि वह मिर्च स्प्रे के कारण बेहोश हुए या डायबिटिक समस्या के चलते।
आंखों देखी
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने बताया कि आंध्र के सांसद सदन में असामान्य रूप से खड़े थे। मैंने उनसे पूछा कि आप लोग ऐसे क्यों खड़े हैं? उन्होंने कहा कि यहां कुछ होने वाला है। 12 बजे जैसे ही तेलंगाना बिल पेश करने के लिए कहा गया, आंध्र के सांसद सदन के आसन की ओर जाने लगे। एक सांसद ने मेज का शीशा तोड़ दिया। राज बब्बर ने उन्हें रोका। एक सांसद ने चाकू तक निकाल लिया। एल. राजगोपाल ने कुछ स्प्रे कर दिया। जिसके बाद सब खांसने लगे। मार्शल से लेकर मीडिया गैलरी में बैठे पत्रकार तक इसकी गैस से परेशान हो गए। मैंने सुषमा जी से कहा कि आप यहां से निकलें। हमारे वरिष्ठ नेता वहां बैठे हुए थे।
पूरा घटनाक्रम:
12 बजे लोकसभा में बिल पेश करने के लिए गृह मंत्री को स्पीकर ने कहा। गृह मंत्री उठे।
टीडीपी, टीआरएस, कांग्रेस के सांसद विरोध करने लगे। वे स्पीकर के आसन तक जाने लगे। राज बब्बर आदि सांसदों ने उन्हें रोका।
सांसदों ने बिल छीनने की कोशिश की। मारपीट की नौबत आ गई। माइक तोड़ी गई। टेबल पर लगे शीशे तोड़े गए।
इसी बीच एक सांसद ने कुछ स्प्रे किया। बताया जाता है कि मिर्च का पाउडर छिड़का गया। यह पाउडर छिड़कने का आरोप विजयवाड़ा से सांसद एल. राजगोपाल पर लगा है।
स्प्रे होते ही कई सांसदों की तबीयत खराब होने लगी। स्पीकर मीरा
कुमार भी खांसने लगीं और उठ कर चली गईं। वह सदन स्थगित करने का निर्देश तक
नहीं दे सकीं।
डॉक्टर सदन के भीतर आए। इसके बाद तीन एंबुलेंस बुलाए गए। कई सांसदों को अस्पताल ले जाया गया।
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