पटना. रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का भाजपा से गठजोड़ हो गया। दिनभर की मशक्कत के बाद गुरुवार रात दस बजे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घर पर गठबंधन की घोषणा की गई। बिहार में दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है। लोजपा को सात सीटें दी गई हैं। भाजपा बिहार में बाकी 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। तीन सीटें उपेंद्र कुशवाहा के दल रालोसपा को दी गई है।
12 साल पहले मोदी विरोध को आधार बनाकर ही रामविलास राजग से अलग हुए थे। लेकिन फिर से गठबंधन में शामिल होने के बाद पासवान ने कहा- 'हम पहले भी राजग में थे। तब 18 दल शामिल थे। कई लोग बीच में निकल गए। लेकिन खुशी की बात है कि अब फिल लोग आने लगे हैं। इस बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।'
इससे पहले सुबह भजपा नेता रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन लोजपा नेता रामविलास के घर पहुंचे। घंटेभर की बातचीत के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा-'अच्छी बातचीत हुई। हमने मिठाई भी खाई।' पर गठबंधन की घोषणा नहीं हो पाई। सीटों का बंटवारा रोड़ा बना रहा है। इससे निपटने में दोनों दलों को 10 घंटे और लगे। आखिरकार रात दस बजे गठबंधन की घोषणा कर दी गई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी व प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन कर रामविलास पासवान ने अवसरवादिता की पराकाष्ठा को प्रकट करने का काम किया है। पासवान ने सेक्युलर पॉलिटिक्स को धोखा दिया है। उन्होंने अपने फैमिली मेंबर्स और बाहुबली समर्थकों के हित के लिए सिद्धांतों की तिलांजलि दे दी है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन कर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने अपने जीवन भर के सिद्धांतों को समाप्त कर दिया है। दो विपरीत धाराओं पर विश्वास करने वालों का गठबंधन हुआ है। रामविलास राजनीतिक मौसम के अच्छे कलाकार है। इस गठबंधन से राज्य की जनता का कोई लेना देना नहीं है। ना ही बिहार की राजनीति पर कोई फर्क इस गठबंधन से पड़ेगा।
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