केजरीवाल ने घोषणा की कि जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी के पहले हफ्ते में लोकायुक्त बिल को दिल्ली के रामलीला मैदान में पास कराने के लिए पेश किया जाएगा। लोकायुक्त एक स्वतंत्र संस्था होगी, जिसमें दिल्ली का मुख्यमंत्री भी शामिल नही होगा। अगर सीएम के खिलाफ भी शिकायत आती है, तो उसकी निष्पक्षपूर्ण जांच हो सके।
उधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिल्ली की अदालतों में लंबित पड़े लाखों मामलों के निपटान के लिए 47 नई अदालतें बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि कल ही मुख्यमंत्री केजरीवाल और कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की थी।
सुबह 9.30 से 11 तक चलेगा जनता दरबार
इसके अलावा दिल्ली सरकार जन शिकायतों पर निपटान के लिए भी परसों से एक महत्वपूर्ण सिस्टम शुरू करने जा रही है। इसके तहत हर शनिवार को मुख्यमंत्री और सभी मंत्री दिल्ली सचिवालय के सामने सड़क पर बैठकर दिल्ली के हर नागरिक की समस्याएं सीधे सुनेंगे। यह शिकायतें सुबह साढ़े नौ से 11 बजे तक सुनी जाएंगी।
इसके अलावा रोजाना एक मंत्री सचिवालय के सामने बैठेगा, जोकि सभी विभागों से संबंधित लोगों की समस्याएं सुनेगा। गंभीर श्रेणी की शिकायत को मौके पर ही निपटानें की कार्रवाई की जाएगी।
श्रेणियों में बांट इस तरह होगा जनशिकायतों का निपटारा
सीएम ने कहा, बाकी जन शिकायतों को श्रेणियों में बांटा जाएगा। इसमें पहली श्रेणी के तहत शिकायत को सुनकर मंत्री आवेदन पर निपटान की समय सीमा लिखेगा और उसे उस समयसीमा के भीतर निपटाने की कोशिश की जाएगी। दूसरी श्रेणी के तहत हम पॉलिसी चेंज करेंगे, जिसमें समय लगेगा। तीसरी- जो शिकायत नहीं बल्कि सुझाव होंगे, उन पर अध्ययन किया जाएगा और उन पर सरकार अमल करने की कोशिश करेगी।
चौथी मिसलिनियस और पांचवी वह होंगी जो सरकार से संबंधित नही है। इस तरह सरकार आम लोगों की समस्याओं का निपटान करेगी।
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