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12 अगस्त 2013

दोस्तों राजस्थान के कोटा जिले में स्थित लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में कोंग्रेस के युवातुर्क नईमुद्दीन गुड्डू फिर से चुनावी त्य्यारियों में जुटे है पिछले चुनाव में भितरघात के शिकार नईमुद्दीन गुड्डू गिनती के सात सो वोटों से हारे थे ..लेकिन अब उन्होंने अपनी स्थिति आम लोगों के बीच उनकी समस्याओं के समाधान के लियें संघर्ष कर फिर से मजबूत बना ली है

दोस्तों राजस्थान के कोटा जिले में स्थित लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र में कोंग्रेस के युवातुर्क नईमुद्दीन गुड्डू फिर से चुनावी त्य्यारियों में जुटे है पिछले चुनाव में भितरघात के शिकार नईमुद्दीन गुड्डू गिनती के सात सो वोटों से हारे थे ..लेकिन अब उन्होंने अपनी स्थिति आम लोगों के बीच उनकी समस्याओं के समाधान के लियें संघर्ष कर फिर से मजबूत बना ली है ..नईमुद्दीन गुड्डू लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र और क्षेत्र वासियों की समस्याओं के समाधान मामले में जुड़े रहे जात पात धर्म की राजनीति से अलग हट कोंग्रेस की रीती निति के तहत छतीस कोमों के साथ अपने क्षेत्र के विकास और कोंग्रेस के परचम को मजबूती देने के लियें इनका लगातार संघर्ष रहा ..........इस बार लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र का मतदाता पछतावे में है और पूर्व में लोगन के बहकावे में भितरघात की वजह से जो कोंग्रेसी वोटर छलावे में आये वोह अब पुराना हिसाब इनके पक्ष में सूद सहित चुकता कर प्रायश्चित करना चाहते है ..........और इसिलए लियें नईमुद्दीन गुड्डू आज होली हो दिवाली हो तीज हो ईद हो बारावफात हो ..लोगों की ख़ुशी हो दुःख हो तकलीफ हो हर जगह मोजूद मिलते है और लाडपुरा क्षेत्र की जनता नईमुद्दीन गूद्दु जिंदाबाद के नारे लगाती हुई नज़र आती है जिनमे कोई एक गुट ..कोई एक जाती कोई एक धर्म कोई एक समाज नहीं बलके पुरे छत्तीस कोम के लोग शामिल होते है
जी हाँ दोस्तों खुद को धर्मनिरपेक्ष साबित करने वाली कोंग्रेस सियासी पार्टी की कोटा में सोच उलट है यहाँ कोंग्रेस हाईकमान ने जमीन से जुड़े हर दिल अज़ीज़ रहे समर्पित कोंग्रेसी नईमुद्दीन गुड्डू को लाडपुरा विधानसभा से टिकिट तो दिया लेकिन इनकी पार्टी के लोगों ने ही षड्यंत्र कर भाजपा से हाथ मिलाया और इन्हें हर दिया ......नईमुद्दीन गुड्डू अपने बलबूते पर जिला परिषद का चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते ..........नईमुद्दीन गुड्डू को जिला परिषद में कोंग्रेस का बहुमत होने के कारण कोंग्रेस ने जीतने के लियें टिकिट दिया लेकिन वाह कोंग्रेसियों नईमुद्दीन गुड्डू कोंग्रेसी तो थे लेकिन मुस्लिम थे और बस इसी कारण से उन्हें बहुमत होने पर भी कोंग्रेस के लोगों ने डंके की चोट पर चुनाव हरवा दिया ..ताज्जुब तो इस पर है के इस मामले में न जान्च हुई न दोषियों को सज़ा मिली हाँ पुरस्कार के रूप में क्रोस वोटिंग करने वालों को महत्वपूर्ण पद जरुर मिले है वोह कोंग्रसी है और जनता सब जानती है लेकिन कोंग्रेस हाईकमान बेबस है .................फिर क्रषि उपज मडी का चुनाव गुड्डू की ताकत होने पर भी उन्हें ठेंगा दिखाया ..कोई बात नहीं फिर आते है कोटा को ओपरेटिव के चुनाव नईमुद्दीन गुड्डू डाइरेक्टर का चुनाव जीतते है इनके समर्थकों के पास बहुमत है लेकिन नईमुद्दीन गुड्डू कोंग्रेसी मुसलमान है इसलियें चुनाव नहीं जीते इस रणनीति के तहत भाजपा से कोंग्रेस का हाथ मिलता है और फिर कोंग्रेस के लोग नईमुद्दीन गुड्डू को वोट देने की जगह भाजपा के व्यक्ति को अपने समर्थन से प्रत्याक्षी बनाते है और जिताते है फिर नईमुद्दीन गुड्डू को कोंग्रेस में मुसलमान नेता होने का दंड दिया जाता है ...कोटा का यह इतिहास पुराना है यहाँ इकरामुल्ला..सत्तार भाई ..अजिज़ुल्ला सभी को धूल चाटना पढ़ी है ..अब नईमुद्दीन गुड्डू के खिलाफ पुलिस मुकदमों का दोर शुरू हो गया है अभी हाल ही में कथुन थाने में एक बच्चे की हत्या करने के मामले में गुड्डू ने प्रदर्शन किया था बस फिर क्या था थानेदार जी ने एक व्यक्ति से जबरन हस्ताक्षर करा कर नईमुद्दीन गुड्डू और उनके निजी मित्र अनिल आनंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया फरियादी सीधे आई जी कोटा रेंज के पास जाता है जबरन झूठा मुकदमा दर्ज करवाने की शिकायत करता है थानेदार जी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती केवल जांच होती है और वोह भी उस अधिकारी द्वारा जिसके खिलाफ नईमुद्दीन गुड्डू जनहित में आंदलन कर चुके है ..तो जनाब यह है एक मुस्लिम नेता की कोंग्रेस में बेबसी की कहानी लेकिन दोस्तों इस दास्ताँ को राजस्थान कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जानते है ..दिग्गज मंत्री मुख्यमंत्री जानते है खुद राहुल गाँधी अपनी पेनी नज़र रखे हुए है लेकिन सच जाने के बाद भी अब तक राहुल गांधी मूकदर्शक और बेबस बने हुए है जब बहुमत होने पर भी मुस्लिम कोंग्रेसी अधिक्रत प्रत्याक्षी को मुस्लिम होने के नाते कोंग्रेसी वोट नहीं देकर भाजपा की गोद में बैठेंगे तो कोंग्रेस की धर्मनिरपेक्षता का मुखोटा क्या होगा ..राहुल गाँधी इस खबर से चिंतित तो है लेकिन बेबस और लाचार से दिखते है क्योंकि राजस्थान में तो गोपालगढ़ मामले में वोह पटखनी कहा चुके है पटखनी किया खुद कोंग्रेसियों ने भाजपा से मिलकर उनके खिलाफ अपराधी के साथ मोटर साइकल पर बैठकर जाने की खबर छपवा दी है ..राहुल जी शाहाबाद के सहरियों के लियें बोलते है कोटा सम्भाग में आते है लेकिन कोई खास उन लोगों के लियें नहीं हो पाटा है .............खेर इधर गुड्डू के मामले में मशहूर होने लगा है के कोंग्रेसी होने के नाते कोंग्रेस में मुस्लिम नेता होने का दंड उन्हें लगातार मिल रहा है जबकि जमीन की हकीक़त यह है के उनके इलाके के पीड़ित शोषित लोग आज भी उन पर विश्वास रखते है रोज़ मर्रा केसरबाग स्थित उनके निवास पर सेकड़ों पीड़ितों का तांता लगा रहता है और कई लोगों की समस्याओं का समाधान उनके जरिये हाथों हाथ बिना किसी चक्कर बाज़ी के होता है और सच तो यह है के कोंग्रेस में मुस्लिम होने की सजा उन्हें चाहे बार बार मिल रही हो उन्हें बहुमत के बाद भी चाहे बार बार हराकर नीचा दिखने की कोशिश की जा रही हो लेकिन वोह दते हुए है अड़े हुए है ना तो झूंठे मुकदमों की दमनकारी निति से उनके चेहरे पर शिकन है और निरंतर जनता के मिल रहे प्यार से उनके चेहरे पर जमीनी नेता की जीत की ख़ुशी है वोह हारते है लेकिन जनता की अदालत में विश्वास जीतते है इसलियें कोंग्रेस जिसे षड्यंत्र कर हराती है वोह बन्दा जनता की अदालत जनता की लोकप्रियता की कसोटी पर हार कर भी लगातार जीत रहा है इसे कहते है जिसे खुदा रखे उसे कोन चखे .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में कोंग्रेस के वन में आर्मी अशोक गहलोत अपनी कल्याणकारी योजनाओं के हथियारों के साथ सितम्बर में घोषित होने जा रहे राजस्थान के विधानसभा चुनावी महासमर में अपनी रणनीति कोशल से फिर जीत के लियें तय्यार .

राजस्थान में कोंग्रेस के वन में आर्मी अशोक गहलोत अपनी कल्याणकारी योजनाओं के हथियारों के साथ सितम्बर में घोषित होने जा रहे राजस्थान के विधानसभा चुनावी महासमर में अपनी रणनीति कोशल से फिर जीत के लियें तय्यार ...अपने विरोधियों से ज्यादा खुद अपनी ही पार्टी के लोगों के आंतरिक हमलों के बाद भी मुस्कुराकर उनके हर जहरीले सवाल का जवाब देने वाले अशोक गहलोत के सामने सिर्फ जय राजस्थान जय राजस्थानी की तर्ज़ पर राजस्थान और राजस्थानियों का विकास ही एक सपना है और इस सपने को इन्होने बीमारू राजस्थान से आधुनिक राजस्थान बनाकर साकार किया है जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश और विदेशों में रह रहे राजस्थानियों के सम्मेलन करवा कर उनको सहूलियतें दी है तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का सर अशोक गहलोत ने गर्व से उंचा किया है बधाई हो ..........................सिर्फ पन्द्रह दिन कई योजनाये कई घोषणाओं को अंतिम रूप देना है एक सिपाही जो सिर्फ लड़ रहा है न थका है ना रुका है जीत के लियें सिर्फ जीत के लियें दुश्मनों की हर चाल को अपनी सहनशीलता ..अपनी इमानदारी ..अपनी पारदर्शिता ..अपनी संवेदन्शीलता की ढाल के साथ नाकामयाब करते हुए चलने वाले और जितने वाले अकेले अशोक गहलोत को इनके साथी अब प्यार से वन में आर्मी कहने लगे है .....और राजस्थानी फिर से इनके नेत्रत्व में राजस्थान के नये विकास के सपने सजोंकर इन्हें फिर एक बार राजस्थान की कमान संभलने की तय्यारी में है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ..

कुरान का सन्देश

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