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29 दिसंबर 2013

अस्‍पतालों की हालत देख भड़के AAP के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, पूर्व मुख्‍य सचिव ने बताया 'ड्रामेबाज'



नई दिल्ली. दिल्‍ली के नए सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भी गाजियाबाद में कौशांबी स्थित अपने आवास पर जनता दरबार लगाया। सीएम बनने के बाद केजरीवाल का यह पहला जनता दरबार है। केजरीवाल को सीएम बनने के बाद पहले ही दिन लोगों के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा तो कुछ लोग उन्‍हें सीएम बनने पर बधाई देने फूलों का गुलदस्‍ता लेकर भी पहुंचे। केजरीवाल के पिता ने उनके लिए रविवार को हवन भी किया (तस्‍वीर में)। दूसरी ओर दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन अस्पतालों के औचक निरीक्षण का काम लगातार जारी रखे हुए हैं।
 
रविवार शाम को उन्होंने हिंदूराव अस्‍पताल पहुंचे और वहां की दुर्दशा देखकर वह काफी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें अस्पताल की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे और यह देखेंगे कि इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। शनिवार को शपथ लेने के बाद से ही जैन ने सरकारी अस्पतालों के औचक निरीक्षण का काम शुरू कर दिया था। दो दिनों के अंदर वह सात अस्पताल का दौरा कर चुके हैं। 
 
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) सहित कुछ अन्‍य विभागों के करीब 250 कर्मचारी केजरीवाल के जनता दरबार में जुटे। केजरीवाल के घर के बाहर जमा हुए डीटीसी के अस्‍थायी कर्मचारियों ने तत्‍काल राहत की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। केजरीवाल ने सिस्‍टम ठीक करने और लोगों की समस्‍याएं निपटाने के लिए हफ्ते-10 दिनों का समय मांगा। जनता दरबार में देर से आने के लिए केजरीवाल ने माफी भी मांगी। उन्‍होंने कहा कि तबियत खराब होने की वजह से उन्‍हें थोड़ी देरी हुई। 
 
जनता दरबार में डीटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने अपनी मांगें केजरीवाल के सामने रखी। डीटीसी बसों में अस्थायी चालक और परिचालक के पद पर काम कर रहे कर्मचारियों ने नए सीएम से अपील की है कि उन्हें स्थायी किया जाए।
 
गौरतलब है कि केजरीवाल ने अपनी पार्टी 'आप' के घोषणा-पत्र में वादा किया था कि दिल्ली सरकार के स्थायी कामों में लगे और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। 
 
इस वादे को याद दिलाने के लिए डीटीसी के कर्मचारी रविवार को केजरीवाल के जनता दरबार में पहुंचे। कर्मचारियों का कहना है कि वह दिल्ली की नियमित परिवहन सेवा में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। डीटीसी के एक कर्मचारी ने कहा, 'हमें तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से काम पर रखा गया है, यह धनराशि हमारे परिवार चलाने के लिए नाकाफी है। लिहाजा हमने मांग की है कि हमें स्थायी नियुक्ति दी जाए।'
 
यूपी पुलिस के कुछ अधिकारी भी रविवार को केजरीवाल के घर पहुंचे और उनसे सुरक्षा लेने की गुजारिश की। पुलिस का कहना है कि केजरीवाल के घर के बाहर भीड़ ज्‍यादा हो जाती है, ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से केजरीवाल को सुरक्षा लेनी चाहिए।
 
दिल्ली में सरकार बनते ही नए मुख्यमंत्री केजरीवाल एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं। उनके मंत्रियों ने भी केजरीवाल की तर्ज पर काम करना शुरू कर दिया है। केजरीवाल ने सीएम की कुर्सी संभालते ही नौ अधिकारियों के तबादले किए तो उनके स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सतेंद्र जैन ने एलएनजेपी अस्‍पताल का औचक निरीक्षण किया। नए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अस्‍पताल में कई गड़बडियों की बात कही है।
 
सादगी की मिशाल पेश करने वाले 'आप' के सीएम और उनके मंत्रियों ने सरकारी बंगला और लाल बत्‍ती लेने से इनकार कर दिया है। खुद केजरीवाल भी मुख्‍यमंत्री को मिलने वाला बंगला नहीं ले रहे हैं। दिल्‍ली में उनके रहने के लिए सत्‍य मार्ग, राजनिवास मार्ग और गोल मार्केट में फ्लैट का विकल्‍प है। केजरीवाल आज फ्लैट देखने जाएंगे। 
 
हालांकि केजरीवाल और उनके सहयोगियों की इस सादगी पर टिप्‍पणियां भी हो रही हैं। दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍य सचिव उमेश सहगल ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, 'लाल बत्‍ती और सिक्‍योरिटी हटाकर थोड़ी ड्रामेबाजी कर ली लेकिन 'आप' के बाकी एक्‍शन तो दूसरों से अलग नहीं हैं। सहगल ने अफसरों के तबादलों पर भी सवाल उठाए उन्‍होंने कहा, 'सत्‍ता में आने पर नई सरकारें संदिग्‍ध अफसरों के तबादले करती रही हैं। केजरीवाल ने निजी सचिव बदले, वो तो ठीक है लेकिन जल बोर्ड के डायरेक्‍टरों को क्‍यों बदला गया?'

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