आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 अक्तूबर 2013

दुष्‍यंत, मानवेंद्र, वरुण, आदित्‍य, सुखबीर...ये हैं मोदी खेमे के ‘शहजादे’



बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार को पटना में आयोजित हुंकार रैली में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था। मोदी ने कहा था कि कांग्रेस अपने वंशवाद को खत्म कर दे तो वे राहुल को शहजादा बोलना छोड़ देंगे। ये तो सभी जानते हैं कि राहुल को राजनीति विरासत में मिली है। इसीलिए मोदी ने कांग्रेस के इस वंशवाद को आड़े हाथों लिया। लेकिन बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार ये भूल गए कि उनकी पार्टी बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टियों में ‘शहजादों’ की कमी नहीं है। 
 
बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों में भी खूब पनप रहा है वंशवाद। वंशवाद के चलते ही दिग्गज नेताओं की संतानें आज पार्टी में तो बड़े पदों पर बैठी ही हैं, साथ ही चुनावों में जीतकर केंद्रीय राजनीति का भी हिस्सा बनती जा रही हैं। इसमें कई बड़े नाम शामिल हैं। बीजेपी में वंशवाद के उदाहरण के रूप में तो खुद राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी को भी आप देख सकते हैं।
मेनका गांधी और वरुण गांधी
 
मेनका गांधी और वरुण गांधी बीजेपी से जुड़े हुए हैं। यहां भी वंशवाद की तस्वीर साफ दिखाई देती है। मेनका गांधी भाजपा की सांसद हैं, वहीं उनका बेटा वरुण गांधी न सिर्फ सांसद हैं, बल्कि बीजेपी के युवा जनरल सेक्रेटरी भी हैं।
उद्धव और आदित्य ठाकरे
 
पिछले साल बाल ठाकरे के देहांत के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने शिव सेना की कमान अपने हाथों में ली। उद्धव के पुत्र आदित्य ठाकरे साल 2010 में राजनीति में उस समय नजर आए, जब भारतीय मूल के कनाडियन लेखक रोहिंग्टन मिस्त्री के उपन्यास ‘सच ए लॉन्ग जर्नी’ का देश में बेहद आक्रामक विरोध किया जा रहा था। इस समय आदित्य शिवसेना की यूथ विंग की कमान संभाल रहे हैं। रेम कुमार धूमल और अनुराग सिंह ठाकुर
 
प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पुत्र अनुराग ठाकुर भी पिता की ही राह पर चल रहे हैं। अनुराग बीजेपी के सांसद होने के साथ ही युवा मोर्चा के प्रमुख भी  हैं।
प्रकाश सिंह बादल और सुखविंदर सिंह
 
प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। उनके पुत्र सुखविंद सिंह उप मुख्यमंत्री हैं। साथ ही, अपनी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के मुखिया भी हैं। सुखविंदर की पत्नी हरसिमरत कौर भी सक्रिय राजनीति में हैं और भटिंडा सीट से लोकसभा सांसद हैं।
वसुंधरा राजे और दुष्यंत सिंह
 
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के 40 वर्षीय पुत्र भी सक्रिय राजनीति में हैं। वे 2004 में झालावाड़-बेरन सीट से सांसद चुने गए थे। उस समय वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री थीं। दुष्यंत ने 2009 में पुन: चुनाव जीता था।
जसवंत सिंह और मानवेंद्र सिंह
 
राजस्थान में वंशवाद का एक और उदाहरण है। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह भी अपने पिता की तरह बीजेपी के सक्रिय राजनेता हैं। साल 2004 में बाड़मेर सीट से सांसद चुने गए थे। हालांकि, 2009 के आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 
राजस्थान में वंशवाद का एक और उदाहरण है। पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह भी अपने पिता की तरह बीजेपी के सक्रिय राजनेता हैं। साल 2004  में बाड़मेर सीट सांसद चुने गए थे। हालांकि, 2009 के आम चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...