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02 अक्तूबर 2013

दोस्तों कहते है जेसा नाम ऐसी ही जीवन शेली और रहन सहन व्यवहार होता चला जाता है ...जी हाँ दोस्तों संगीत की थिरकन की तरह लोगों के दुःख हरने का काम बहन संगीता माहेश्वरी पिछले कई सालों से समाज सेविका के रूप में कर रही है .

दोस्तों कहते है जेसा नाम ऐसी ही जीवन शेली और रहन सहन व्यवहार होता चला जाता है ...जी हाँ दोस्तों संगीत की थिरकन की तरह लोगों के दुःख हरने का काम बहन संगीता माहेश्वरी पिछले कई सालों से समाज सेविका के रूप में कर रही है ......संगीता बहन वेसे तो भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है और इनकी कार्यशेली सेवा भाव को देखते हुए इन्हें संगठन में कोटा देहात महिला भाजपा की अध्यक्ष बनाया गया है ..यह बहतरीन प्रवक्ता और प्रचारक भी है ...बहन संगीता पिछले कई दिनों से समाज सेवी संस्था से जुडी रहने के कारण कोटा सम्भाग की महिलाओं को एकत्रित कर उन्हें स्वावलम्बी बनाने के लिए स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलवा रही है ...जबकि महिलाओं में साक्षरता कार्यक्रम चला कर उन्हें पढने और पढाने का शोक पैदा कर रही है ...बहन संगीता के पति इंजिनियर है परिवार है वोह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ साथ सामाजिक दायित्व निभाने के लिए डटी हुई है ..बहन संगीता पीड़ित महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मददगार बनती है ..घरेलू हिंसा हो ....योन उत्पीडन हो ...महिलाओं की कोई भी समाजिक पारिवारिक पीड़ा हो बहन संगीता के पास अगर वोह पहुंच गयी तो वोह दलगत राजनीति ..धर्म जाती भेदभाव से अलग हट कर सिर्फ महिला की पीड़ा देखती है और अंतिम वक्त तक जब तक उसे न्याय नहीं दिलवाती पीछे नहीं हट्टी है ...बहन संगीता ने अपने सेवाकाल में हजारों महिलाओं को रोज़गार दिलवाया है जबकि सेकड़ों महिलाओं को इन्साफ दिलवाया है ....अपनी इस कार्यशेली में कई भर इन्हें पार्टी की निति के खिलाफ भी काम करना पढ़ा लेकिन इनके लिए महिला की पीड़ा दूर करना पहला मकसद रहता है और इसीलिए पार्टी के नेता बाद में इनकी पीठ थपथपाने से भी नहीं चुके है .....पीड़ित महिलाओं के इन्साफ के लिए सरकारी अधिकारीयों कर्मचारियों पुलिस अधिकारीयों से मुकाबला करना इनकी आदत है ..और महिलाओं के ज़ुलम के मामले में संघर्ष इनका नारा है बुलंदी के साथ यह इस नारे को बोलती भी है और साकार भी करती है ....बहन संगीता एक म्रदुल स्वभावि ..कुशल नेत्रत्व की धनि ...मिलनसार ..नेक ईमानदार ...पढ़ी लिखी महिला है और इसीलिए भाजपा की नीतियों को वोह दुसरे राजनितिक  दलों से बहतर बताकर भाजपा के शासन में देश का भविष्य और महिलाओं की इज्ज़त ..महिलाओं की अस्मत ..महिलाओं का मान सम्मान सुरक्षित मानती है और वोह भाजपा की सर्कार चाहती है ..महिलाओं की इज्ज़त और अस्मत मामले में बहन संगीता जरा भी पक्षपात नहीं करती है वोह  दामिनी के आरोपियों से भी नफरत करती है तो महिपाल मदेरणा ...बाबूलाल नगर जेसे मंत्रियों को भी सजा दिलवाने के लिए संघर्षरत रहती है वोह महिलाओं की इज्ज़त के सोदागर संत बापू आसाराम से भी घरना करती है और ऐसे लोगों के खिलाफ सिर्फ और सिर्फ फांसी की मांग करती है ............बहन संगीता एक तरफ तो भाजपा राजनितिक दल में सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही है और दूसरी तरफ निर्भीकता और निष्पक्षता से समाज सेविका बनकर महिलाओं को इन्साफ दिलाने की मुहीम में शामिल है ..बहन संगीता पर्यावरण प्रेमी है और वन बचाओ का नारा देती है तो ..बेटी बचाओ बेटी पढाओ के लिए संघर्ष करती है ..वोह कहती है नारा देना एक आम सियासी बात है लेकिन नारे को सार्थक करना समाज सेविका का काम है जो वोह हर हाल में अपनी सहयोगी टीम के साथ करती रही है ..बहन संगीता कोटा की कई दर्जन समाज सेवी संस्थाओं ...क्लबों और कार्यक्रमों से जुडी हुई है ..बहन संगीता अपनी कार्यकर्ताओं के साथ दीपावली की खुशिया भी बनती है तो होली के रंग भी बिखेरती है तो दूसरी तरफ बैसाखी ....क्रिसमस और ईद के त्योहारों में भी अपनी साथिनों के साथ शामिल नज़र आती है ..वोह कहती है केसी जाती ..केसा धर्म केवल मानव धर्म ...मानवाधिकारों की रक्षा ही उनका कर्तव्य है लेकिन संगीता बहन यह सियासी बात कहने से भी नहीं चुकती की देश की सुरक्षा देश का विकास राष्ट्रीय एकता और महिलाओं की अस्मिता इज्ज़त की सुरक्षा केवल भाजपा सरकार ही दे सकती है और इसीलिए वोह भाजपा की सरकार वापसी के लिए हर सम्भव संघर्ष में जुटी है ...बहन संगीता की निष्पक्ष और बेबाक राय के लिए उन्हें मुबारकबाद बधाई ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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