महकता हूँ -
बहकता हूँ .
में ग़मों की
खारिशों में .
भीगता हूँ -
छीजता हूँ .
तरबतर हूँ -
बारिशों में .
नित नयी -
एक वेदना है
ठीक होते -
घाव भी हैं .
तेज़ गति है -
जिन्दगी में .
कठिन कुछ -
पड़ाव भी हैं .
महकता हूँ -
बहकता हूँ .
में ग़मों की
खारिशों में .
भीगता हूँ -
छीजता हूँ .
तरबतर हूँ -
बारिशों में .
नित नयी -
एक वेदना है
ठीक होते -
घाव भी हैं .
तेज़ गति है -
जिन्दगी में .
कठिन कुछ -
पड़ाव भी हैं .
बहकता हूँ .
में ग़मों की
खारिशों में .
भीगता हूँ -
छीजता हूँ .
तरबतर हूँ -
बारिशों में .
नित नयी -
एक वेदना है
ठीक होते -
घाव भी हैं .
तेज़ गति है -
जिन्दगी में .
कठिन कुछ -
पड़ाव भी हैं .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)