कोंग्रेस सरकार में मुसलमानों के मंत्री और प्रतिनिधियों को उनके नाकारापन के कारण चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए ..अभी हाल ही में राजस्थान अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक और अल्पसंख्यक मंत्री महोदय की बंदरबांट के चलते राजस्थान के मुसलमान राजस्थान में बीस बढ़े करोड़ों करोड़ के सरकारी मुस्लिम स्कूलों से वंचित रह गये ..सरकार ने बढ़े बढ़े विज्ञापन दिए थे के राजस्थान में प्रति स्कूल लगभग पच्चीस करोड़ का बजट पारित कर राजस्थान मुस्लिम बाहुल्य इलाके में बीस स्कूल खोलने की स्वीक्रति हुई है जिसमे जवाहर नवोदय विद्ध्यालय की सभी सुविधाए होंगी यानी स्कूल भवन होगा ...खेल का मदन होगा ..होस्टल होगा ..खाना पीना रहना कपड़े होंगे और एक स्कूल में एक हजार छात्र छात्राए पढ़ सकेंगे जो पांचवी क्लास के बाद छठी क्लास से बारहवी तक सरकारी खर्च पर पढाई पढ़ते इस तरह से बीस स्कूलों में बीस हजार बच्चे हर साल पढ़ कर निकलते ..लेकिन अल्पसंख्यक मंत्री और अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक के बंदर बाँट के चलते इन स्कूलों की फ़ाइल मंत्री जी के य्हना दब कर रह गयी वोह चाहते थे के एक स्कूल मंत्री जी जहां चाहे खुले और एक स्कूल अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक जहाँ चाहे वहां खोले ..राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आधी रात को इस योजना को लागू करने की स्वीक्रति जारी की थी लेकिन बन्दर बाँट के चलते मुस्लिम छात्र छात्राओं को शिक्षा क्षेत्र में विकसित करने की इस योजना को मुस्लिम मंत्री और इस वभाग के मुस्लिम अधिकारी जी ने तार तार कर दिखाया है ...मुस्लिम घोषित होस्टल नहीं बन सके ...मदरसों का आधुनिकीकरण नहीं हो सका खुद मदरसा चेयरमेन अपने मदरसे को आधुनिकीकरण करवाना चाहते है ..मदरसा नियुक्तियों में मुस्लिमों की उपेक्षा है मदरसा तो है लेकिन मुस्लिमो को नियुक्ति नहीं है ...ऐसे में क्या मुस्लिम नेताओं को जो सरकार में बेठे है और विज्ञापनों से आम मुसलमानों को गुमराह कर रहे है ..दुसरे समाज में मुसलमानों के प्रति नफरत का भाव पैदा कर रहे है उन्हें चुल्लू भर पानी में डूम मरना नहीं चाहिए ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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