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01 सितंबर 2013

क्या हमारे देश की सियासत इस पिछड़े समाज को और प्रताड़ित करने के स्थान पर बराबरी का दर्जा देकर गेर सियासी तरीके से आगे ला सकता है अगर हाँ तो वोह दिन दूर नहीं जब सच में मेरा भारत महान होगा विश्व का राज मेरा हिन्दुस्तान होगा .............

दोस्तों राजस्थान मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की जानिब से कोटा में आयोजित एक रोजा सेमीनार मुस्लिम मसाइल और चुनोतियाँ विषय पर आयोजित सेमीनार अपनों की बात अपनों के साथ में कई चिंतन मंथन के बाद कुछ विचार उभर कर आये ...एक तो महसूस हुआ के मुसलमान का सालों से खुद को थोथी घोषणाओं और झुन्ठो वायदों के नाम पर ठगा सा महसूस करता है ..दूसरी तरफ लगा के भाजपा का मुसलमान हो चाहे कोंग्रेस काम मुसलमान हो वोह देश का विकास ..राष्ट्रिय एकता अखंडता और साम्प्रदायिक सोहार्द चाहता है लेकिन उसे तकलीफ है के फसादात में पिटते भी वोह है ..मरते भी वोह है ..लुटते भी वोह है ..सम्पत्तियां भी उनकी जलाई जाती है और मुआवजा के नाम पर तमाशा होता है जबकि उनकी गिरफ्तारियां एक तरफा होती है दुसरे पक्ष के अपराधियों को पुलिस पकड़ने में भी हिचकिचाती है ...मुस्लिमों को पता है के वोह पिछड़ रहा है उसके साथ सियासी ठगी हुई है इसलियें वोह नोकरी और सियासत में भागीदारी चाहता है ..यह भी मुद्दा सामने आया के मुस्लिम समाज मीडिया पर सोतेला व्यवहार का आरोप लगाता है समाज का मानना है के मुस्लिम समाज के बढ़े बढ़े कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग भी केवल रस्मन ही होती है और पूरी बात खास बात उपस्थित लोगों के ख्याल विचार और उनके नाम पद वगेरा मिडिया में नज़र अंदाज़ कर दिए जाते है ...यह भी आवाज़ उठी के बेंक उन्हें लोन नहीं देते सरकारी अधिकारी उन्हें योजनाओं के लाभ के नाम पर चक्कर कटाते है और उनकी सुनवाई खिन नहीं होती ...यह भी आवाज़ उठी के सियासत के रंग ने सियासत से जुड़े मुसलमानों का खून पानी कर दिया है सियासत का पटटा उनके गले में पढने के बाद वोह सियासत के गुलाम और सरकार के पत्ते वाले कुत्ते हो जाते हा के जब सर्कार कहती है वोह भोंकते है जब सरकार चाहती है वोह काटते है और इन्हीं लोगों से समाज का नुकसान हो रहा है ..मुस्लिम समाज जानता है के सहूलियतों के नाम पर उन्हें घोषणा के सिवा कुछ नहीं मिला है जबकि उनके धार्मिक कार्यक्रमों में सियासत क दखल अंदाजी और चमचागिरी ने मजहब का रूप ही बिगाड़ दिया है ..मुस्लिम समाज के दिमाग में है के सरकार और सियासी पार्टियाँ उन्हें फिरकों ..पार्टियों ..सियासत और भाई साहब भाई साहब के खेमों में बाँट कर राज कर रही है ..केवल मुस्लिम समाज को वोटर बनाकर रख दिया है पार्टियां मुस्लिमों का वोट लेते वक्त तो धर्मनिरपेक्ष हो जाती है और मुस्लिम को टिकिट देते वक्त या फिर टिकिट देने के बाद साम्प्रदायिक होकर या तो उसे टिकिट नहीं देती या फिर हरा देती है ...मुसलमानों का मिजाज़ इस सेमीनार में दिखा के वोह सियासी भाई साहबों के चमचों से बहुत नाराज़ है और उनसे कोम को कुछ उम्मीद नहीं है वोह कहते है के इसे लोग कोम से दूर होकर खुद की तरक्की कर रहे है और कोम को गिरवी रख रहे है ...यह भी आवाज़ उठी के मुसलमान की आवाज़ उठाने वाले की आवाज़ दाब दी जाती है उसे सियासत में अलग थलग कर दिया जाता है उस के खिलाफ अत्याचार और षड्यंत्रों का खेल शुरू किया जाता है ..मुस्लिम इस बात से भी नाराज़ है के उन्हें बढ़ी बढ़ी बातें बढ़े बढ़े वायदे कर के इकट्ठा किया जाता है और सियासी बात कर उनके साथ धोखा किया जाता है मुस्लिमों के मसाइलों पर बात कोई नहीं करता ..मुस्लिम समाज इस बात से भी त्रस्त है के उनका नेत्रत्व नहीं है उनकी आवाज़ उठाने वाला सरकार ...ब्युरोकेट्स ...लोकसभा ..राज्यसभा में कोई नहीं है जो है वोह सरकारी चमचे और कोम की गद्दारी से मिले इनाम के तमगे की वजह से उस मुकाम पर पहुंचते है समाज का मानना है के गोपालगढ़ हुआ कुछ लोगों ने अपराधियों को बचाने के नाम पर पद प्राप्त कर लिए चुनाव होंगे नाराज़ मुसलमानों को पटाने के नाम पर कुछ लोग वोट मांग लेंगे और भी कई मुद्दे है जो इस सेमीनार में उभरे लेकिन अभी भी मुस्लिम डरा हुआ गुस्से में लगा है वोह कोंग्रेस हो चाहे भाजपा हो अब वोह दोनों को एक समझता है कहता है के कोंग्रेस मोदी का डर दिखाकर मुस्लिमों का वोट लेना चाहती है तो यह भी कहता है के भाजपा मुसलमानों का ईमान बिगाड़ने में लगी है क्या सच है क्या गलत यह तो चिंतन मंथन का विषय है लेकिन मुसलमान यह भी कहता है के उसके पूर्वजों की क़ुरबानी का इतिहास छुपा दिया गया है या फिर गलत लिखा  दिया गया है ..नेताओं की ठगी से मुसलमान त्रस्त है मुस्लिम की समस्या पर राजनीति मुस्लिम कल्याण पर राजनीति सिर्फ राजनीति ही राजनीति और भोतिक रूप से मुसलमान को धोखे के सिवा कुछ नहीं मिल रहा है मुसलमान का  मानना है के जो लोग जो सियासत मुसलमानों को अलग थलग कर वोट की राजनीति कर रहे है मुसलमानों को सियासी तोर पर ...शेक्षणिक तोर पर ..रोज़गार के मामले में पीछे रखने का षड्यंत्र कर रहे है वोह सभी लोग देश के दुश्मन है क्योंकि देश के पिछड़ने का करना ही यह है के देश की सियासत ने बीस करोड़ लोगों को अलग थलग कर दिया है अगर इन बीस करोड़ लोगों को बराबर का दर्जा देकर ..प्यार मोहब्बत देकर ..सियासी भागीदारी ..सरकारी भागीदारी देकर इनके अपने पेरों पर खड़ा किया जाए तो यह बीस करोड़ लोग देश को विश्व का शासक विश्व का सबसे खुशहाल सबसे मजबूत राष्ट्र बना देंगे फिर न चीन की हिम्मत आँखे दिखाने की होगी और ना ही पाकिस्तान की हिम्मत हमारी सरहदों पर फोजियों को घुसा कर हमारे फोजियों के सर कलम करके ले जाने की होगी ...क्या ऐसा हो सकता है क्या हमारे देश की सियासत इस पिछड़े समाज को और प्रताड़ित करने के स्थान पर बराबरी का दर्जा देकर गेर सियासी तरीके से आगे ला सकता है अगर हाँ तो वोह दिन दूर नहीं जब सच में मेरा भारत महान होगा विश्व का राज मेरा हिन्दुस्तान होगा .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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