वॉशिंगटन. क्या रोबोट इंसान की तरह सोच सकते हैं, क्या बिना
किसी की निगरानी के इनका प्रयोग संभव है? क्या रोबोट के भीतर इंसान के
जैसी चेतना भरी जा सकती है? पिछले कई सालों से ये सवाल खड़े थे, लेकिन अब
एक नई राह दिखी है और यह कारनामा किया है कि भारतीय मूल के ही एक वैज्ञानिक
ने। इसकी मदद से रोबोट हवा में ही हवाई जहाज ठीक कर देंगे और जरूरत पड़ी
तो पलक झपकते ही इमरजेंसी लैंडिंग भी करा देंगे। अमेरिका की मिसुरी
यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से जुड़े भारतीय मूल के डा. जगन्नाथन
सारंगपाणि ने रोबोट का 'दिमाग' तैयार किया है।
वैज्ञानिक भाषा में इसे 'फीडबैक सिस्टम' कहते हैं, इसके माध्यम से
रोबोट और ज्यादा भरोसेमंद हो जाएंगे और इनकी निगरानी रखने की जरूरत बेहद
कम हो जाएगी। नए 'फीडबैक सिस्टम' की मदद से रोबोट इतना सक्षम हो जाएगा कि
उसे अपनी जिम्मेदारी का खुद-ब-खुद एहसास रहेगा और बिना किसी परेशानी के वह
अपना काम कर सकेगा। इतना ही नहीं, नई खोज से भविष्य में रोबोट अपने लिए
खुद सोच सकता है, सीख सकता है और बहुत सी बातें ग्रहण भी कर सकेगा यानी
रोबोट के भीतर अब चेतना भरने की तैयारी हो चुकी है। भारतीय मूल के
वैज्ञानिक की यह नई प्रणाली रोबोटिक क्रांति को अगले स्तर पर ले जाएगी।
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