दोस्तों अफ़सोस के साथ यह कडवा सच लिखने को मुजबूर होना पढ़ा है। … सियासत को दीमक लग गयी है। … सियासी लोग कुर्सी के लियें कुछ भी किसी तरह का भी समझोता करने को तैयार बेठे है। .ओर हालात यह है के देश सिर्फ और सिर्फ वोटरों को लुभाने … .उक्साने और बेवकूफ बनाने अखाड़ा बन गया है । हमारे देश में पहले सबसे बढ़ी पार्टी कोंग्रेस थी कोंग्रेस के नेताओं ने कुर्बानी दी तो जनता ने कोंग्रेस को सर पर भी बिठाया … आपात स्थिति में देश का सार कचरा जय प्रकाश नारायण ने झाड़ू लगाकर इकठ्ठा किया मोरारजी देसाई प्रधानमन्त्री बने और बाद में झगड़े फसाद के बाद जनता पार्टी तार तार हुई और कई नाजायज़ ओलादो में
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)