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29 जुलाई 2013

यूपी: सपा नेता ने भी बताया निलंबन को गलत, अखिलेश को लौटानी होगी दुर्गा की 'शक्ति'!

लखनऊ. भ्रष्‍टाचार के दो मामलों में राजनीति और क्रिकेट जगत से आए दो फैसलों से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यूपी में सरकार ने रेत माफिया और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने वाले अफसर को सस्‍पेंड कर दिया है और इस विभाग की जिम्‍मेदारी ऐसे मंत्री को दे दी जिस पर खुद माफिया होने के आरोप लगते रहे हैं। दूसरी ओर, देश में क्रिकेट को चलाने वाली संस्‍था बीसीसीआई ने महज डेढ़ महीने में अपनी ओर से जांच करा कर आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग के संदेह में आए सारे बड़े किरदारों को बेदाग करार दे दिया है। बोर्ड की इनहाउस जांच कमेटी ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में चेन्नई सुपर किंग्स के गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दे दी।
 
यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले में रेत माफिया और अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही महिला एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किए जाने से नाराज आईएएस एसोसिएशन ने सोमवार को आपात बैठक की। इसके बाद एसोसिएशन के सदस्‍य राज्‍य के कार्यकारी मुख्‍य सचिव आलोक रंजन से मिले। एसोसिएशन के सदस्‍यों के साथ दुर्गा नागपाल भी थीं। एसोसिएशन ने दुर्गा नागपाल का संस्‍पेंशन वापस लेने की मांग की। मुख्‍य सचिव ने बताया कि एसोसिएशन की मांग से मुख्‍यमंत्री को अवगत करा दिया जाएगा।
 
2009 बैच की आईएएस अधिकारी नागपाल पिछले साल एसडीएम नोएडा सदर बनाई गई थीं। उन्‍हें सस्पेंड करने के आदेश शनिवार रात को जारी किए गए।
 
सूत्रों के मुताबिक एसडीएम के सस्‍पेंशन का मसला गरमाते देख राज्‍य सरकार नरम पड़ती दिख रही है। कहा जा रहा है कि आईएएस लॉबी के दबाव में सीएम अखिलेश यादव अपना फैसला वापस लेने पर मजबूर हो सकते हैं। सीएम फिलहाल सूबे से बाहर हैं। अखिलेश और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव एक रैली को संबोधित करने के सिलसिले में बंगलुरू गए हैं।
 
आईएएस एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि दुर्गा नागपाल को परेशान किया जा रहा है। एसोसिएशन का यह रुख देखते हुए मुख्‍य सचिव ने कहा कि सस्‍पेंशन के फैसले की समीक्षा की जाएगी। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि दुर्गा नागपाल को बहाल किया जाना चाहिए। मामले की जांच के बाद ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होनी चाहिए। 
 
सूत्रों के मुताबिक, रघुनाथपुरा गांव में शनिवार रात एक मस्जिद की चहारदीवारी गिराने की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद ही नागपाल को सस्पेंड करने के आदेश जारी हुए। आधिकारिक तौर पर इसकी कोई वजह नहीं बताई गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस कार्रवाई को प्रशासनिक फैसला बताया। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, ‘एसडीएम ने धर्मस्थल पर एक दीवार गिराने के आदेश दिए थे। सपा सरकार में मंत्री नरेंद्र भाटी ने इस बारे में अफसर की शिकायत की। इसमें कहा कि कार्रवाई से एक वर्ग भड़क गया था। इससे सांप्रदायिक हिंसा हो सकती थी। 
 
यूपी में मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में किए गए मंत्रिमंडल विस्तार के तहत बनाए गए नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। इसमें खनन माफिया होने का आरोप झेल रहे गायत्री प्रजापति को ही खनन मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। उन पर अवैध खनन और ज़मीन अधिग्रहण के कई मामले चल रहे हैं।
 
कांग्रेस नेता पी एल पुनिया का कहना है कि ताजा घटनाओं से सूबे में गलत संदेश गया है। आईएएस अफसर का निलंबन बहुत दुखद है। बीजेपी प्रवक्‍ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यूपी में गुंडाराज कायम है और ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। माफियाओं के खिलाफ काम करने वालों को सजा और माफिया से हाथ मिलाने वालों को प्रमोशन मिलता है। राज्‍य की जनता से सपा से हिसाब लेगी। कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा है कि अच्‍छे अधिकारियों का हौसला बढ़ाना करना चाहिए। माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर महिला आईएएस अफसर के निलंबन से अधिकारियों का मनोबल गिरेगा। ऐसे में कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बेहतर नहीं हो सकती है।

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