नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का
कहना है कि उन्हें 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के फैसले
पर अफसोस है। इसके साथ ही मुलायम सिंह यह कहना नहीं भूलते हैं कि तब उनके
पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। एक समाचार चैनल से बाचतीच में मुलायम ने कहा
कि कारसेवकों पर गोली चलाने के फैसले पर उन्हें दुख है लेकिन उस समय देश
की अखंडता दांव पर लगी हुई थी। तत्कालीन सीएम मुलायम ने कहा कि अयोध्या के
विवादित ढांचे के चारों ओर करीब 11 लाख कारसेवक जमा हो गए थे। उन्हें वहां
से हटाना था और यह भी देखना था कि हालात काबू में रहें। देश में शांति बनाए
रखने के लिए यह उस समय लिया गया एकदम सही फैसला था।
मुलायम ने इस बातचीत में मोदी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि देश
में विकास के लिए गुजरात मॉडल नहीं यूपी के मॉडल को अपनाएगा। मुलायम ने कहा
कि अखिलेश सरकार अच्छा काम कर रही है और उनका मॉडल ही देश के सामने आदर्श
मॉडल है। मोदी से सवाल करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों और लड़कियों के
लिए गुजरात में क्या किया है? उन्होंने कहा कि इस समय हर कोई मध्य प्रदेश
में शिवराज सिंह चौहान सरकार की 'कन्यादान योजना' की तारीफ कर रहा है,
लेकिन यूपी में 10 साल पहले ही यह योजना लागू कर दी गई थी। मुलायम ने कहा
कि यूपी अकेला राज्य है जिसने सच्चर कमिटी की सिफारिशों को लागू किया है।
हालांकि मुलायम ने यह नहीं बताया कि 2014 के चुनावों में उनकी पार्टी
किसे समर्थन देगी। मुलायम ने कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार पीएम बनते हैं तो
इसमें क्या गलत है? मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनावों के बाद ही
किसी पार्टी को समर्थन देने पर फैसला करेगी।
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