कोटा बाई पास के लियें हेंगिंग ब्रिज का तीन माह से रुका पढ़ा कार्य जल्दी शुरू करवाने के मामले में कोटा के मुखर सामज सेवी डोक्टर सुधीर गुप्ता ने आसमान में सुराख करने के लियें एक तबियत पत्थर से उछाल दिया है .और इसका नतीजा यह रहा के इस मांग के समर्थन में आज कोटा कलेक्ट्रेट के बाहर धरना स्थल पर दलगत और जातिगत राजनीति से ऊपर उठ कर कोटा एक जुट नज़र आया .......कोटा में आपात स्थिति के बाद से ही शहरी आबादी से अलग हट कर बाई पास की मांग जोरो से उठती रही है ...मुख्यमंत्री भेरोसिंह के कार्यकाल में जब भी कोटा में मंत्री रहे ललित चतुर्वेदी इस मांग को उठाते थे तब भेरोसिंह शेखावत उन्हें दिल की बीमारी होने से बाइपास की सलाह देकर इस मांग को ताल दिया करते थे ...राजस्थान में आज हर जिले ..हर कस्बे हर तहसील में बाई पास है लेकिन कोटा ही एक अकेला ऐसा जिला है जहाँ सभी भारी वाहनों को कोटा शहर की छाती को कुचल कर निकाल जा रहा है वर्ष उन्नीस सो सत्यान्वे में चम्बल पुलिया से हेंगिंग ब्रिज की योजना बनी और बाइपास हेंगिंग ब्रिज इस योजना का बजट कई अरब रूपये बढ़ता गया वर्ष दो हजार ग्याराह में इसके निर्माण के दोरान तकनीकी मिलावट और अनुभवहीन इंजीनियरों के चलते एक हादसा हुआ निर्माणाधीन ब्रिज गिरा और कई दर्जन लोगों की मोत हो गयी अधिकारी पकडे गए जमानत पर छूटे और फिर विदेशी अधिकारी गमन इंडिया के अधिकारी फरार हो गए जिन्हें पुलिस पकड़ नहीं पा रही है ..गमन इण्डिया कम्पनी को ब्लेक लिस्टेड नहीं करना देश के और दुसरे कामों को जब्त नहीं करना और फिर गमन इन्डिय को अतिरिक्त लाभ देना इतना ही नहीं फरार अधिकारी को गिरफ्तार करने के लियें कोई सरकारी दबाव नहीं बनाना यह सब एक सरकारी और कम्पनी के बीच मेच फिक्सिंग की लम्बी कहानी है ....लेकिन दोस्तों जो काम दो हजार ग्यारह में पूरा होना वोह आज भी रुका पढ़ा है ................सरकार चुप ..जनता चुप ..मिडिया चुप ..समाज सेवी चुप ..रोज़ मर्रा कोटा की छाती को रोंदते हुए सेकड़ों ट्रक बसे भारी वहन कोटा के निर्दोष लोगों को कुचलते हुए निकल रहे है दुर्घटना का ग्राफ हजारों की मोत और घायलों की गिनती पर भी नहीं थम रहा है ..प्रदूषण कोटा में इस कदर के नहा कर अगर बाहर निकले तो सड़क पर उसके मुंह पर वाहनों के धुंए की कालिख पुत जाती है ........फेफड़े खराब ..आँख की बिमारी ..सांस का उखड़ना ..दिमाग में तनाव ..मिजाज़ में चिडचिडापन ....इसी प्रदूषण की देन है यह सब कोटा के मुखर समाज सेवी निर्विवाद और हरदिल अज़ीज़ कहलाये जाने वाले डोक्टर सुधीर गुप्ता और उनके मित्र पत्रकार पर्यावरण प्रेमी पुरुषोत्तम पंचोली ..सुनील माथुर ...रजत खन्ना ने जाना पहचाना और आज उन्नीस जून को कोटा को जगाने के लियें हेंगिंग ब्रिज का रुक पढ़ा काम शीघ्र शुरू करवाने के लियें लोगों को कलेक्ट्रेट पर समर्थन के लियें बुलाया ..इस चिंता में इस चिंतन में इस आवाज़ में दम था ..निष्पक्षता थी ..सियासत नहीं सेवा थी तो जनाब बिना किसी विवाद के बिना किसी तोहमत के आज के इस धरने पर कोटा के सभी मुखर समाज सेवी ...भाजपा कोंग्रेस के नेता ..व्यापारी ..मजदूर नेता ...चिकित्सक ..वकील कर्मचारी नेता ....हर तबके से जुड़े लोग इस महफिल इस धरने इस आन्दोलन में शामिल थे ..सभी की एक ही आवाज़ पार्टी ..सियासत ..जाती धर्म जाए भाड़ में हमे तो बस एक जुट होकर निर्विवाद तरीके से बिना किसी पक्षपात की राजनीति किये ब्रिज के इस अधूरे कम को जल्दी और जल्दी पूरा करवाना है तो जनाब आज जो लोग धरना स्थल पर थे उनको देख कर लगता था के डोक्टर सुधीर गुप्ता ने मेंडक तोलने का काम सफलता से कर दिखाया है और इसीलियें यह कहने को जी चाहता है के कोन कहता है के आसमान में हो नहीं सकता सुराख एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ..तो जनाब कोटा के डोक्टर सुधीर गुप्ता ने हेंगिंग ब्रिज जो कोटा की प्रमुख मांग है इस मांग के असमान में सुराख करने के लियें एक पत्थर एकता ..एकरूपता ..धरना प्रदर्शन का तबियत से उछाल दिया है अब कोटा के सभी लोगों को कोटा की जनता की जान और स्वास्थ्य की हिफाज़त के लियें इस हेंगिंग ब्रिज के हेंग हुए काम को हर हल में जल्दी शुरू करवाने के लिए कोटा जयपुर ..कोटा दिल्ली और जमीन आसमान एक कर देना चाहिए ताकि डोक्टर सुधीर की अलख कोटा को रोशन कर सके ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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