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11 मई 2013

लिव इन में रह रही जासूस प्रेमिका ने किया एनकाउंटर स्‍पेशलिस्‍ट का मर्डर, फिर की खुदकुशी



नई दिल्‍ली। देश की राजधानी दिल्‍ली से सटे गुड़गांव में जहां शुक्रवार को एक स्‍टार की शादी टूटने की औपचारिक पहल शुरू हुई थी, वहीं शनिवार को दो जिंदगियां खत्‍म हो गईं। दिल्‍ली पुलिस के एक जांबाज इंस्‍पेक्‍टर और एक महिला की लाश एक मकान में मिली। यह महिला इंस्‍पेक्‍टर की मित्र बताई जाती है।
सूत्र बता रहे हैं कि गीता ने पहले बद्रीश को गोली मारी, इसके बाद उसने खुद को गोली मार ली। इस तरह बद्रीश की हत्‍या का शक जताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गीता बद्रीश से इस बात से नाराज थी कि वह उसके जेल में बंद रहने के दौरान मिलने क्‍यों नहीं आया था।
इंस्‍पेक्‍टर बद्रीश दत्‍त और डिटेक्टिव एजेंसी चलाने वाली महिला गीता की लाश सुशांत लोक थानांतर्गत आरडी स्थित एक मकान में मिली। दोनों की मौत गोली लगने की वजह से हुई है। गुड़गांव पुलिस दोनों के आत्‍महत्‍या किए जाने का शक जता रही है। मौके से बद्रीश दत्‍त की सर्विस रिवाल्‍वर भी बरामद हुई है।

बद्रीश दत्‍त दिल्‍ली पुलिस के 1991 बैच के अफसर थे। जिस टीम के वह सदस्‍य थे, उसने कई खूंखार आतंकवादियों और गैंगस्‍टर्स को एनकांउटर में मारा। बद्रीश दिल्‍ली पुलिस के तेजतर्रार एसीपी राजबीर सिंह और बाटला हाउस एनकाउंटर में शहीद हुए इंस्‍पेक्‍टर मोहन चंद शर्मा की दमदार टीम के सदस्‍य रहे। उन्‍हें फोन इंटरसेप्‍शन का मास्‍टर माना जाता था। वे सेल के एक ऐसे तेजतर्रार अधिकारी थे, जो फोन इंटरसेप्‍ट कर बड़े-बड़े आतंकियों और गैंगस्‍टर्स को खोज निकालते थे। माना जाता है कि इसी काम के सिलसिले में जासूसी की एजेंसी चलाने वाली गीता उनके संपर्क में आई होगी और बाद में दोनों की करीबी बढ़ गई होगी।
बद्रीश ज्‍यादातर दिल्‍ली पुलिस की नई दिल्‍ली और दक्षिणी रेंज में काम करते रहे। उनकी बहादुरी के चलते दिल्‍ली पुलिस ने उन्‍हें बारी से पहले पदोन्‍न्‍ति भी दे दी थी।
अपनी महारत चलते उनकी टीम ने कई बड़े आतंकियों और अपराधियों को उन्‍होनें जिंदा पकड़ने में भी सफलता हासिल की थी। इससे पहले एसीपी राजबीर सिंह की भी गुड़गांव के एक प्रॉपर्टी डीलर ने गोली मारकर हत्‍या कर दी थी। पहले राजबीर सिंह, फिर मोहन चंद शर्मा और अब बद्रीश दत्‍त की मौत हो जाने से दिल्‍ली पुलिस में बड़े और तेजतर्रार नेटवर्क रखने वाले बहादुर अफसरों की भारी कमी हो गई है। बद्रीश को वर्ष 2007 में वीरता के लिए पुलिस मेडल से भी नवाजा गया।

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