गुर्जर एसबीसी आरक्षण संयुक्त संचालन समिति ने कहा है कि हालांकि उनका आंदोलन पूरी तरह शांति पूर्ण रहेगा, परंतु किन्हीं कारणों से अशांति हुई तो उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना ने इस संबंध में सोमवार को मीडिया को बताया कि आरक्षण के मसले पर समाज के लोगों को जागृत करने के लिए 31 अप्रैल से ही प्रदेशभर में आरक्षण विजय संकल्प यात्रा निकाली जा रही है। चारभुजाजी से शुरू हुई यह यात्रा अब तक 72 विधानसभा क्षेत्रों का सफर तय कर चुकी है।
भड़ाना ने कहा कि गुर्जरों की असली मांग तो एसटी में आरक्षण देने की थी।तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें एसटी के लायक भी माना था। बाद में उन्हें एसटी के बजाय अति पिछड़ा मानते हुए एसबीसी में आरक्षण देने की बात की गई। तमाम रिपोर्टें आने और विधानसभा में विधेयक पारित होने के बावजूद उन्हें एसबीसी का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। गहलोत सरकार कोर्ट के नाम पर एसबीसी की जातियों को गुमराह कर रही है।
फिर 29 मई को दिल्ली कूच :
भड़ाना ने बताया कि जयपुर कूच के बाद अगर 28 मई तक सरकार उनके आरक्षण की व्यवस्था नहीं कर सकी तो 29 मई को गुर्जर और अन्य समाजों के लोग दिल्ली कूच करेंगे। दिल्ली कूच में एनसीआर और आसपास के लोग सम्मिलित होंगे।
ओबीसी का वर्गीकरण ही रास्ता :
भड़ाना ने कहा कि एसबीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के दो रास्ते हैं। पहला यह कि उनका ओबीसी में 8 प्रतिशत आरक्षण बनता है।इसमें से 4 प्रतिशत अलग करते हुए एसबीसी में दे दिया जाए, 1 प्रतिशत पहले से ही मिला हुआ है। दूसरा रास्ता यह है कि सरकार अगर 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाकर आरक्षण देना चाहती है तो उसे संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करवाए।
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