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20 अप्रैल 2013

दोस्तों एक कडवा सच हमारे देश में महिलाओं के प्रति इस्लाम के नजरिये को गलत ठहरा कर आलोचना करना आम बात रही है लेकिन खास बात यह रही है के जब जब हमारे देश में ओरत पर ज़ुल्म ..अत्याचार अनाचार हुआ है तब तब हमारे देश में इस्लाम के कानून का नजरिया महिला को इंसाफ दिलाने के लियें उठाया गया है ..

दोस्तों एक कडवा सच हमारे देश में महिलाओं के प्रति इस्लाम के नजरिये को गलत ठहरा कर आलोचना करना आम बात रही है लेकिन खास बात यह रही है के जब जब हमारे देश में ओरत पर ज़ुल्म ..अत्याचार अनाचार हुआ है तब तब हमारे देश में इस्लाम के कानून का नजरिया महिला को इंसाफ दिलाने के लियें उठाया गया है ....हमारे देश में चाहे दामिनी का मामला हो चाहे कथित गुडिया का मामला हो चाहे और दुसरे दीगर गम्भीर मामले हो देश एक सुर में ऐ आवाज़ में चीइख चीख कर ऐसे लोगों के लियें फांसी सिर्फ फांसी मानता है जो केवल और केवल इस्लाम धर्म में ही इस सजा का प्रावधान है ...बलात्कार के मामले में इस्लाम में दोषी व्यक्ति को सफाई का अवसर देने के बाद अपराधी घोषित होने पर आधा गाढ़ कर आम जनता के सामने संगसार कर हत्या करने का प्रावधान है ताकि दुसरे अपराधी इस मामले में सबक ले और आज इन घटनाओं के बाद बलात्कार के आरोपियों के साथ हमारे देश की जनता यही सब चाहती है .... इसके पूर्व भी भारत की सरकार मुस्लिम कन्या का तेराह साल में विवाह के प्रावधान को सोलह साल की महिला पर लागु करना चाहती थी जो असफल हो गयी .इसके पूर्व भी सती मामले में पत्नी को पति के साथ ज़िंदा जलाने से रोकने का मामला हो ..चाहे विधवा विवाह का मामला हो ..चाहे महिलाओं को सम्पत्ति में हिस्सा देने का मामला हो ..चाहे वैवाहिक सम्बन्ध बिगड़ने पर तलाक का मामला हो ..दहेज़ का मामला हो ...शादियों में फ़िज़ूल खर्ची रोकने का मामला हो सभी मामलों में इस्लामिक कानून के तहत देश की महिलाओं को इंसाफ देने के लियें आवाज़ उठी और आज देश की महिलाओं को इंसाफ मिल रहा है जन्म जन्मान्तर का रिश्ता होने के बाद भी देश में तलाक का कानून लागु हो गया है सती से रोकने का कानून बना दिया गया है ...विधवा विवाह को प्रोत्साहन दिया जा रहा है ...कुल मिलाकर देश महिलाओं के इंसाफ के मामले में इस्लाम के विधि नियमों के तहत महिलाओं को हक दिलाकर खुश नज़र आ रहा है .....लेकिन खुद इस्लाम के जानकर इन सब चीजों से दूर होते जा रहे है और खुदा का खोफ दिल से निकाल कर महिलाओं के परत अपराध और हिंसा में शामिल नज़र आ रहे है यह कहानी घर घर की बनती जा रही है और कई घर इस मामले में बिगड़ते जा रहे है ........अख्तर खान अकेला एडवोकेट कोटा राजस्थान

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