दुनिया का कोई भी धर्म पीड़ा से मुक्ति नहीं दे सकता ,
लेकिन प्रेम , विश्वास , ज्ञान और संकल्प ये गारंटी देते हैं |
जी हा दोस्तों अपने इन सटीक विचारों के साथ सुबह की खुशनुमा शुरुआत करने वाली कवयित्री साहित्यकार फरमाती है ..................
मेरा अपना परिचय आप सबसे है जो जितना समझ पायेगा वो उसी नाम से पुँकारेगा हाँ मेरा उद्द्श्ये अपने लिए कुछ नहीं बस मेरे द्वारा लिखी बात से कोई न कोई सन्देश देते रहना है की ज्यादा नहीं तो कम से कम किसी एक को तो सोचने पर मजबूर कर सके की हाँ अगर हम चाहे तो कुछ भी कर पाना असंभव नहीं और मेरा लिखना सफल हो जायेगा की मेरे प्रयत्न और उसके होंसले ने इसे सच कर दिखाया |
जी हां दोस्तों मीनाक्षी पन्त जिन्होंने अपने अहसास को शब्दों में पिरोकर साहित्य और कविताओं को नये आयाम दिए है ..विचारों को जिंदगी और शब्दों को धड़कन दी है और उनकी इस खुशनुमा कलम ने इन्हें फेस्बूकियों और ब्लोगरों का चहेता बना दिया है कई वर्षों से साहित्य का सर्जन कर रहीं बहन मीनाक्षी वर्ष दो हजार दस से ब्लोगिंग की दुनिया में है और फेसबुक से लोगों को लिखने का अहसास और सलीका सिखा रही है चंद अल्फाजों में जिंदगी का फलसफा समेटने वाली मीनाक्षी बहन शब्दों में जान डालने का हुनर रखती है और शब्द खुद बा खुद लोगों के दिल की धड़कन बन जाते है इनकी कविताएँ जिंदगी के हर पहलु का अहसास दिलाती है कभी रुलाती है कभी हंसती है तो कभी जिंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर करती है लम्बी चोडी बेकार बातें नहीं शब्दों की कीमत और वक्त की कीमत आप समझती है इनके साहित्य इनकी रचनाओं को पढ़ कर एक सुखद अहसास होता है और जिंदगी के सच को समझने में आसानी हो जाती है ..इनका कोई अल्फाज़ बेकार नहीं जाता है हर अलफ़ाज़ में जिदंगी बसी हुई होती है और इसीलियें मीनाक्षी पन्त अपनी लेखिनी के हुनर के जरिये अपने साहित्यकार भाइयों की चहेती हो गयी है उनके इस हुनर में और अधिक इजाफा हो कामयाबी मिले शोहरत मिले इनकी जिंदगी में खुशहाली हमेशा रहे इसी दुआ के साथ ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
लेकिन प्रेम , विश्वास , ज्ञान और संकल्प ये गारंटी देते हैं |
जी हा दोस्तों अपने इन सटीक विचारों के साथ सुबह की खुशनुमा शुरुआत करने वाली कवयित्री साहित्यकार फरमाती है ..................
मेरा अपना परिचय आप सबसे है जो जितना समझ पायेगा वो उसी नाम से पुँकारेगा हाँ मेरा उद्द्श्ये अपने लिए कुछ नहीं बस मेरे द्वारा लिखी बात से कोई न कोई सन्देश देते रहना है की ज्यादा नहीं तो कम से कम किसी एक को तो सोचने पर मजबूर कर सके की हाँ अगर हम चाहे तो कुछ भी कर पाना असंभव नहीं और मेरा लिखना सफल हो जायेगा की मेरे प्रयत्न और उसके होंसले ने इसे सच कर दिखाया |
जी हां दोस्तों मीनाक्षी पन्त जिन्होंने अपने अहसास को शब्दों में पिरोकर साहित्य और कविताओं को नये आयाम दिए है ..विचारों को जिंदगी और शब्दों को धड़कन दी है और उनकी इस खुशनुमा कलम ने इन्हें फेस्बूकियों और ब्लोगरों का चहेता बना दिया है कई वर्षों से साहित्य का सर्जन कर रहीं बहन मीनाक्षी वर्ष दो हजार दस से ब्लोगिंग की दुनिया में है और फेसबुक से लोगों को लिखने का अहसास और सलीका सिखा रही है चंद अल्फाजों में जिंदगी का फलसफा समेटने वाली मीनाक्षी बहन शब्दों में जान डालने का हुनर रखती है और शब्द खुद बा खुद लोगों के दिल की धड़कन बन जाते है इनकी कविताएँ जिंदगी के हर पहलु का अहसास दिलाती है कभी रुलाती है कभी हंसती है तो कभी जिंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर करती है लम्बी चोडी बेकार बातें नहीं शब्दों की कीमत और वक्त की कीमत आप समझती है इनके साहित्य इनकी रचनाओं को पढ़ कर एक सुखद अहसास होता है और जिंदगी के सच को समझने में आसानी हो जाती है ..इनका कोई अल्फाज़ बेकार नहीं जाता है हर अलफ़ाज़ में जिदंगी बसी हुई होती है और इसीलियें मीनाक्षी पन्त अपनी लेखिनी के हुनर के जरिये अपने साहित्यकार भाइयों की चहेती हो गयी है उनके इस हुनर में और अधिक इजाफा हो कामयाबी मिले शोहरत मिले इनकी जिंदगी में खुशहाली हमेशा रहे इसी दुआ के साथ ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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