आपका-अख्तर खान

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02 मार्च 2013

आ मेरे पास आ

आ मेरे पास आ
आ मेरे साथ आ
तेरा यह हाथ
में हमेशा के लियें थाम लूँ
आ मेरे साथ आ
तेरी धड़कन ..तेरे गमो फ़िक्र
में थाम लू
आ मेरे साथ आ
तेरे आंसुओं को में अपने ज़ीने में जज्ब कर लूँ
आ मेरे पास आ तुझे समेट लूँ अपने आगोश में
आ मेरे पास आ
तेरी ख्वाहिश जो मुर्दा देखने की है
वोह आज ही में पूरी कर दूँ
आ मेरे पास आ .................

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