भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव
भागवत का मानना है कि भारत को महाशक्ति नहीं विश्व गुरु बनना है। अमेरिका
और चीन महाशक्ति बन कर जो कुछ कर रहे हैं, वह भारत नहीं कर सकता। भारत को
अपने अध्यात्म और ज्ञान के आधार पर विश्व का कल्याण करना है।
भागवत समन्वय भवन में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय
द्वारा ‘स्वामी विवेकानंद और भारतीय नवोत्थान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के
समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने विवेकानंद के विचारों के आधार
पर कहा कि भारत को विश्व का मार्गदर्शन करना है, इसके लिए शक्ति संपन्न
बनो और परिवार के दायरे से बाहर आकर काम करो। भागवत ने युवाओं से कहा कि वे
समस्याओं से भागे नहीं, बल्कि उनका सामना करें।
बकरियों के झुंड की तरह व्यवहार करते हैं नेता
बकरियों के बीच पले बढ़े एक शेर की कहानी सुनाते हुए भागवत बोले जिस
तरह झुंड में बकरियां एक दूसरे को ठोकर लगा कर आगे बढ़ती हैं, नेता भी ऐसा
ही करते हैं। बकरियों के झुंड में रहने वाला शेर भी अपना मूल स्वभाव भूल कर
बकरियों की तरह व्यवहार करता है।
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