दोस्तों हमारे देश में सियासत के नामा पर देश में लूट खसोट ..भ्रष्टाचार
..बेईमानी मक्कारी का जो दोर है उसके लिए देश का चुनाव आयोग ज़िम्मेदार है
जिसने सभी सियासी पार्टियों को निरंकुश मनमाना बना दिया है ...निर्वाचन
आयोग को एक बार फिर एक टी ऍन शेषण की जरूरत है ताकि ऐसी निरंकुश पार्टियों
को सबक मिल सके और देश में राजनितिक माहोल में सुधार हो सके ...दोस्तों देश
में कोई भी ऐसा राजनीतिक दल नहीं है जो निर्वाचन आयोग की मान्यता नियमों
के तहत अपने चुनाव करवाता हो ..या फिर लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संगठन
का ढांचा खड़ा करता हो .........सभी संगठन राष्ट्रिय अध्यक्ष के चुनाव का
नाटक करते है और फिर जो स्वम्भू अध्यक्ष होता है उसे अध्यक्ष निर्वाचित कर
देते है ...सभी राजनितिक दल चुनाव किस एजेंडे से लड़ते है और फिर सरकार
बनाते वक्त खिलाफ एजेंडे वालों के साथ मिलकर जनता के साथ धोखा करते है
.....कहने को कोंग्रेस और भाजपा खुद को राष्ट्रीय पार्टी कहते है लेकिन देश
की कुल 544 लोकसभा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ते है अब जब कोई भी पार्टी पूरी
लोकसभा या विधानसभा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पा रही है उसे प्रत्याक्षी नहीं
मिल पा रहे है या फिर जनता कई इलाकों में उस पार्टी को पसंद नहीं कर रही
है ..पसंद करना तो दूर उस पार्टी को प्रत्याक्षी भी नहीं मिल रहे है तो
जनाब ऐसी पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा क्यूँ अगर निर्वाचन आयोग
पूरी लोकसभा की 544 सीटों पर जो पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है उसका
राष्ट्रिय पार्टी का दर्जा खत्म कर दे तो यह गठबंधन का सिद्धांत खत्म हो
जाए और एक पार्टी एक राष्ट्र का सिद्धांत देश में लागु हो और देश में सरकार
बनाने के लियें जो सोदेबाज़ी होती है जो भ्रष्टाचार होता है उससे जनता को
राहत मिले ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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