आपका-अख्तर खान

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13 मार्च 2013

मैं खुद प्यासा रहता हूँ पर

बाल श्रम ---

मैं खुद प्यासा रहता हूँ पर

जन जन की प्यास बुझाता हूँ

बालश्रम का मतलब क्या है

समझ नहीं मैं पाता हूँ |

भूखी अम्मा, भूखी दादी

भूखा मैं भी रहता हूँ,

पानी बेंचूं ,प्यास बुझाऊ

शाम को रोटी खाता हूँ |

उनसे तो मैं ही अच्छा हूँ

जो भिक्षा माँगा करते हैं

नहीं गया विद्यालय तो क्या

मेहनत की रोटी खाता हूँ |

पढ़ लिख कर बन जाऊं नेता

झूठे भाषण, मानवता को धोखा

उससे अच्छा,अनपढ़ रहकर

मानव बनना होगा चोखा |

मानवता की राह चलूँगा

खुशियों के दीप जलाऊंगा

प्यासा खुद रह जाऊंगा पर

जन जन की प्यास बुझाऊंगा |

डॉ अ कीर्तिवर्धन

8265821800

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