महाराष्ट्र में इस दिन विशेष भोजन बनाया जाता है, जिसमें पूरनपोली अवश्य होती है। मछुआरों की बस्ती में इस त्योहार का मतलब नाच, गाना और मस्ती होता है। ये मौसम रिश्ते(शादी) तय करने के लिये उपयुक्त होता है, क्योंकि सारे मछुआरे इस त्योहार पर एक दूसरे के घरों में मिलने जाते हैं और काफी समय मस्ती में व्यतीत करते हैं।
मध्यप्रदेश में भी रंगपंचमी खेलने की परंपरा है। खासतौर पर मालवांचल में इस दिन युवकों की टोलियां सड़कों पर निकलती है और रंग लगाकर खुशियों का इजहार करती है। मालवांचल में इस दिन जुलूस जिसे गैर कहते हैं, निकालने की परंपरा भी है। गैर में युवक शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए चलते हैं और हैरतअंगेज करतब भी दिखाते हैं। रंगपंचमी होली का अंतिम दिन होता है और इस दिन होली पर्व का समापन हो जाता है।
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