अम्बाला। 2013 का पहला चंद्रग्रहण 25 अप्रैल हनुमान जयंती को
होगा। यह चंद्रग्रहण अल्प खंडग्रास में दिखाई देगा। इस दिन हनुमान की
आराधना ज्यादा लाभकारी होगी।
16 साल बाद बन रहे इस संयोग के दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व माना जा रहा है। इससे पहले १५ अप्रैल 1995 को ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण और दो अप्रैल 1996 को खंडग्रास चंद्रग्रहण का संयोग भी हनुमान जयंती पर बना था। हनुमान जयंती पर ही पूर्ण चंद्रग्रहण का संयोग इसके बाद चार अप्रैल 2015 को बनेगा। पंडित उदयवीर शास्त्री के अनुसार 25 अप्रैल को होने वाले चंद्र ग्रहण का असर पूरे देश में नजर आएगा।
इस दिन जातक को शनि की दृष्टि व अन्य दोषों से बचने के लिए हनुमत की आराधना करनी चाहिए। साथ ही जन्म कुंडली के अनुसार मंगल दोष निवारण व मंगल को बल देने के लिए हनुमत उपासना अत्यंत लाभकारी होगी।
इन राशि के जातकों पर प्रभाव: यह ग्रहण वृष, सिंह, धनु व मकर राशि वालों जातकों के लिए शुभ माना जा रहा है, तो मेष, मिथुन, कन्या व कुंभ राशि वालों के लिए मध्यम प्रभाव का रहेगा। वहीं कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण थोड़ा कष्टदायक हो सकता है।
हनुमान का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी
अशोक शास्त्री के मुताबिक चंद्रग्रहण के दिन हनुमान का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी होगा। पूजा के लिए शुभ समय प्रात: 5.57 से 7.34 बजे तक, दोपहर 12.24 से 3.38 बजे तक और रात के समय 11.56 से 12.49 बजे तक होगा।
33 मिनट का पर्वकाल
अल्प खंडग्रास चंद्रग्रहण तुला राशि व स्वाति नक्षत्र में होगा। ग्रहण का सूतक शाम 4.21 बजे से शुरू होगा। तो ग्रहण का प्रारंभ रात 1.21 बजे, मध्य 1.37 बजे और समाप्त 1.54 बजे होगा।
16 साल बाद बन रहे इस संयोग के दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व माना जा रहा है। इससे पहले १५ अप्रैल 1995 को ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण और दो अप्रैल 1996 को खंडग्रास चंद्रग्रहण का संयोग भी हनुमान जयंती पर बना था। हनुमान जयंती पर ही पूर्ण चंद्रग्रहण का संयोग इसके बाद चार अप्रैल 2015 को बनेगा। पंडित उदयवीर शास्त्री के अनुसार 25 अप्रैल को होने वाले चंद्र ग्रहण का असर पूरे देश में नजर आएगा।
इस दिन जातक को शनि की दृष्टि व अन्य दोषों से बचने के लिए हनुमत की आराधना करनी चाहिए। साथ ही जन्म कुंडली के अनुसार मंगल दोष निवारण व मंगल को बल देने के लिए हनुमत उपासना अत्यंत लाभकारी होगी।
इन राशि के जातकों पर प्रभाव: यह ग्रहण वृष, सिंह, धनु व मकर राशि वालों जातकों के लिए शुभ माना जा रहा है, तो मेष, मिथुन, कन्या व कुंभ राशि वालों के लिए मध्यम प्रभाव का रहेगा। वहीं कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण थोड़ा कष्टदायक हो सकता है।
हनुमान का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी
अशोक शास्त्री के मुताबिक चंद्रग्रहण के दिन हनुमान का विशेष पदार्थों से अभिषेक लाभकारी होगा। पूजा के लिए शुभ समय प्रात: 5.57 से 7.34 बजे तक, दोपहर 12.24 से 3.38 बजे तक और रात के समय 11.56 से 12.49 बजे तक होगा।
33 मिनट का पर्वकाल
अल्प खंडग्रास चंद्रग्रहण तुला राशि व स्वाति नक्षत्र में होगा। ग्रहण का सूतक शाम 4.21 बजे से शुरू होगा। तो ग्रहण का प्रारंभ रात 1.21 बजे, मध्य 1.37 बजे और समाप्त 1.54 बजे होगा।
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