ऐ बसन्त
तू आ तो गया ..
ऐ वेलेंटाइन
तू आ तो गया
लेकिन तुम भी तो बेवफा हो
आये हो तो चले जाओगे
फिर वही
एक बेवफा सनम की तरह से
पुरे साल भर
इन्तिज़ार करवाओगे
जिंदगी रही तो
फिर से छुओगे
और फिर चले जाओगे
जिंदगी नहीं रही तो ना तो
मेरी कब्र पर फातिहा पढने आओगे
नाही मुझे याद करके
आंसू बहाओगे
इसलियें ऐ बसंत के मोसम
इसलियें ऐ प्यार के एलार्म वेलेंटाइन
तुझे में क्यूँ याद रखु
मुझे पता है
तू भी उसी की तरह बेवफा है
आज हंसायेगा फिर वही फफक फफक कर रुलाएगा
इसलियें में तुझे क्यूँ याद करूँ तुझे क्यूँ याद रखूं ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तू आ तो गया ..
ऐ वेलेंटाइन
तू आ तो गया
लेकिन तुम भी तो बेवफा हो
आये हो तो चले जाओगे
फिर वही
एक बेवफा सनम की तरह से
पुरे साल भर
इन्तिज़ार करवाओगे
जिंदगी रही तो
फिर से छुओगे
और फिर चले जाओगे
जिंदगी नहीं रही तो ना तो
मेरी कब्र पर फातिहा पढने आओगे
नाही मुझे याद करके
आंसू बहाओगे
इसलियें ऐ बसंत के मोसम
इसलियें ऐ प्यार के एलार्म वेलेंटाइन
तुझे में क्यूँ याद रखु
मुझे पता है
तू भी उसी की तरह बेवफा है
आज हंसायेगा फिर वही फफक फफक कर रुलाएगा
इसलियें में तुझे क्यूँ याद करूँ तुझे क्यूँ याद रखूं ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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