आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

14 फ़रवरी 2013

ऐ बसन्त तू आ तो गया .. ऐ वेलेंटाइन तू आ तो गया

ऐ बसन्त
तू आ तो गया ..
ऐ वेलेंटाइन
तू आ तो गया
लेकिन तुम भी तो बेवफा हो
आये हो तो चले जाओगे
फिर वही
एक बेवफा सनम की तरह से
पुरे साल भर
इन्तिज़ार करवाओगे
जिंदगी रही तो
फिर से छुओगे
और फिर चले जाओगे
जिंदगी नहीं रही तो ना तो
मेरी कब्र पर फातिहा पढने आओगे
नाही मुझे याद करके
आंसू बहाओगे
इसलियें ऐ बसंत के मोसम
इसलियें ऐ प्यार के एलार्म वेलेंटाइन
तुझे में क्यूँ याद रखु
मुझे पता है
तू भी उसी की तरह बेवफा है
आज हंसायेगा फिर वही फफक फफक कर रुलाएगा
इसलियें में तुझे क्यूँ याद करूँ तुझे क्यूँ याद रखूं ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...