पटना। पनिया के जहाज से मॉरीशस जाने वाले गिरमिटिया मजदूर के
खानदान का एक आदमी वहां का राष्ट्रपति बन गया और उसी वंश के जो लोग यहां रह
गये वे मजदूर के मजदूर हैं।
यह कहानी है पटना के पुनपुर ब्लॉक के बाजिदपुर गांव की। पटना से कोई 20-22 किलोमीटर दूर। पटना-पुनपुन सड़क पर डुमरी हॉल्ट से जाने वाली सड़क दूर से ही आभास दिला देती है कि यहां कुछ खास होने वाला है। छह जनवरी को मॉरीशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर पुरुयाग अपने पुरखों के गांव पधार रहे हैं।
पटना से बाजिदपुर गांव तक जाने वाले रास्ते पर रंग-रोगन हो रहा है। डुमरी हॉल्ट से बाजिदपुर की करीब छह किलोमीटर लंबी सड़क पर रात-दिन काम चल रहा है। हॉट मिक्स प्लांट की कई मशीनें लगी हुई हैं। सड़क चकचक हो गयी है। जेसीबी मशीन से मिट्टी काट सड़क की चौड़ाई बढ़ायी जा रही है। सैकड़ों मजदूर लगे हुए हैं। अधिकारियों की चैन जैसे छिन गयी है। गाड़ियां सरसराकर बाजिदपुर की ओर भाग रही हैं।
यह कहानी है पटना के पुनपुर ब्लॉक के बाजिदपुर गांव की। पटना से कोई 20-22 किलोमीटर दूर। पटना-पुनपुन सड़क पर डुमरी हॉल्ट से जाने वाली सड़क दूर से ही आभास दिला देती है कि यहां कुछ खास होने वाला है। छह जनवरी को मॉरीशस के राष्ट्रपति राजकेश्वर पुरुयाग अपने पुरखों के गांव पधार रहे हैं।
पटना से बाजिदपुर गांव तक जाने वाले रास्ते पर रंग-रोगन हो रहा है। डुमरी हॉल्ट से बाजिदपुर की करीब छह किलोमीटर लंबी सड़क पर रात-दिन काम चल रहा है। हॉट मिक्स प्लांट की कई मशीनें लगी हुई हैं। सड़क चकचक हो गयी है। जेसीबी मशीन से मिट्टी काट सड़क की चौड़ाई बढ़ायी जा रही है। सैकड़ों मजदूर लगे हुए हैं। अधिकारियों की चैन जैसे छिन गयी है। गाड़ियां सरसराकर बाजिदपुर की ओर भाग रही हैं।
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