नई दिल्ली. आज वह उठ कर बैठी, फिर पानी व जूस पीया और कहा मैं
अच्छी हूं। इसके बाद छात्रा ने खुद से चेस्ट और पैर की फिजियोथेरेपी भी की
और कदम भी भरा।
उसकी सेहत में यह सुधार जहां उसकी जीवटता को दिखा रहा है वहीं हमारे
लिए एक उम्मीद जगा दी है। यह कहना है युवती के इलाज करने वाले डॉक्टरों की
टीम में शामिल डॉ. एमसी मिश्रा का।
उनका कहना है कि उसकी सेहत में सुधार जारी है और वह अब बोल भी सकती है
और हंस भी सकती है। लेकिन उसके प्लेटलेट्स में आई गिरावट और संक्रमण का डर
अभी भी खत्म नहीं हुआ है, जो अभी तक चिंता का विषय बना हुआ है।
डब्ल्यूबीसी काउंट बढ़ा प्लेटलेट्स गिरे :
सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. बीडी अथानी के अनुसार
सबसे अच्छी बात यह है कि शुक्रवार की तुलना में युवती का डब्ल्यूबीसी 1500
से बढ़कर 2600 तक पहुंच गया है।
अब उसे कभी-कभी ऑक्सीजन की जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन शनिवार को
प्लेटलेट्स काउंट गिरकर 20 हजार पर पहुंच गया जो चिंता की बात है। यही नहीं
लीवर में बिलीरुबीन 5.9 हो गया है जो लीवर में संक्रमण बढ़ा रहा है।
डॉक्टर का कहना है उसका ब्लड ट्रांसफ्यूजन भी हुआ है जिसकी वजह से
संक्रमण का भय बना हुआ है। सेपसिस उसे पहले से है, जिसका असर उसके लीवर तक
पहुंच चुका है। उसे इससे बाहर करना ही डॉक्टर की पहली चुनौती है।
गिरते प्लेटलेट्स की वजह से शनिवार को युवती को चार यूनिट प्लेटलेट्स व
प्लाजमा चढ़ाया गया। इससे इसमें सुधार की उम्मीद है। इसके अलावा संक्रमण
को नियंत्रित करने के लिए लगातार एंटीबायोटिक्स का डोज दिया जा रहा है।
halanki haalat chinta janak hi hai ..fir bhi takleef me uska hausla kabile tareef hai..
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