रांची।पूरे भारतवर्ष और कुछ अन्य देशों में भी दुर्गापूजा बड़े
धूम-धाम से मनाई जाती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी दुर्गा ने
महिषासुर का वध किया था। इसी भारतवर्ष में एक ऐसी जाति रहती है जो
दुर्गापूजा के समय जश्न के बजाय मातम मनाती है। यह इसलिए कि उस समुदाय के
लोग मानते हैं कि वे महिषासुर के ही वंशज हैं और अपने पूर्वज की हत्या का
जश्न कैसे मना सकते हैं। महिषासुर के वध के बाद असुर समाप्त नहीं हुए बल्कि
भारतवर्ष के कुछ जंगली इलाकों में उन्होंने शरण लेकर अपना अस्तिव बचाए
रखा। जंगलों में वे लोहे के हथियार बनाने का काम करने लगे। विद्वानों
महाभारत के युद्ध में इन्हीं असुरों द्वारा बनाए गए हथियारों का प्रयोग हुआ
था। चूंकि ये असुर स्वयं हो महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं, अतः
नवरात्र में जब पूरा भारतवर्ष और कुछ विदेशों में भी मां दुर्गा की अराधाना
की जाती है, ये असुर शोक मनाते हैं। जहां दुर्गापूजा होती है उससे दूर-दूर
ही रहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)