आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 नवंबर 2012

कसाब को फांसी के अलावा पाकिस्तान पर हमला भी जरूरी


कल सुबह ख़ुशी के खबर के साथ दिन की शुरुआत हुई देश के दुश्मन कसब को फांसी दे दी गयी सवाल उठे  आउट ऑफ़ टर्न दुसरे अभियुक्तों की दया याचिका के पहले इस दया याचिका को नम्बर पर लेकर ख़ारिज करने और तुरंत गोपनीय फांसी के पीछे क्या वजाह रही ..सवाल उठाया गया के कसाब को डेंगू था फिर उसे स्वस्थ होने के बाद फांसी दी गयी या फिर बीमारी में ही ..सुबह सवेरे फांसी देने के बाद जेल में ही क्यूँ दफनाया गया और दफनाया गया तो फिर उसके धर्म के रीती रिवाज के अनुरूप गुसल ....नमाज़ जनाज़ा किसने पढाई ...जल्लाद के काम को एक पुलिस कर्मी को क्यूँ करना पढ़ा और ऐसी बढ़ी खबर बिना प्रधानमन्त्री ..बिना सोनिया को बताये की गयी ..खेर सवालात तो बहुत होते है लेकिन खुसी की बात यह है के देश के दुश्मन को हमारे देश ने वैधानिक प्रक्रिया अपनाकर इसी देश की मिटटी में मिला दिया ....वेसे में मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में म्रत्युदंड के खिलाफ हूँ लेकिन गाँधीवादी एना जब कसाब को चोराहे पर फांसी देने की बात करते है तो ताज्जुब होता है ..सच तो यह है के जिस दिन कसाब और उसके साथियों ने हमारे देश के निर्दोष लगों की हत्या कर आतंक फेलाने की कोशिश की थी अगर उसी दिन हमारी सरकार अमेरिका की गुलाम नहीं होती तो
सेना को दुश्मन पाकिस्तान के घर भेजती उनके घर में घुस कर उन्हें सबक सिखाती तो मेरा सीना गर्व से छोड़ा हो जाता लेकिन अफ़सोस मुझे मेरे देश के नेताओं ने मेरे देश के मुहाफ़िज़ों ने यह ख़ुशी नहीं दी पुरे पचास करोड़ रूपये एक अपराधी आतंकवादी को फांसी देने में खर्च किये वोह भी अमेरिका को खुद का दामन पाक साफ़ बताने के लियें आप खुद बताइए जब हमारे देश पर कोई हमला करे और हम दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब नहीं दे तो हमारे लियें शर्म की बात नहीं अभी भी वक्त है पाकिस्तान से दो शब्दों में बात करे और गलती नहीं माने  तो फिर विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नामो निशान मिटाने के लियें युद्ध करे और पाकिस्तान को अखंड भारत में मिला ले देखते है अमेरिका हमारा क्या बिगाड़ लेगा ..विदेश मंत्री जब सलमान खुर्शीद को बनाया गया तब हम समझ गए थे के कोई चाल है ताके अंतर्राष्ट्रीय संदेश दिया जा सके लेकिन हमे दुश्मन की जड़ पकड़ कर उसकी बुनियाद खत्म करना है तो सियासत खत्म करना होगी कसाब को फांसी हुई पहले हुई बाद में हुई यह बहस का विषय नहीं है वरना कुछ तो मांग करते है के कसाब का पोस्ट मार्टम हो और देखे के उसकी म्रत्यु गर्दन की हड्डी टूटने से भी हुई है या नहं सब बेकार और बकवास बाते है आतंकवाद और आतंकवादी पर सियासत देश के साथ गद्दारी है इसलिए एक जुट होकर संकल्प ले के दुश्मन देश चाहे पाकिस्तान हो चाहे चीन हो सभी को मुंह तोड़ जवाब देने के लियें देश कठोर फेसला करे क्योंकि चीन भी भारत को पाकिस्तान से उलझता देख भारत को कमजोर समझकर सीमा पर हमले करता है और ऐसे में हमे एक बार तो हमारा बहादुरी का जलवा इकत्तर की तरह फिर से दिखाना होगा ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...