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28 नवंबर 2012

गहलोत कभी कार्यकर्ता नहीं रहें तो चंद्रभान कभी कांग्रेसी नहीं रहे, कैसे समझें कार्यकर्ता का दर्द: सारस्वत




जयपुर. पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने के विरोध में पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सेवादल के पूर्व राष्ट्रीय संगठक विजय सारस्वत ने अब मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर निशाना साधा है। सारस्वत ने बुधवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस में अब कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं रह गई है।
राजस्थान में भी निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हाल बेहाल है, उन्हें कोई पूछ नहीं रहा। अशोक गहलोत कभी कार्यकर्ता रहे ही नहीं, वे तो सीधे पदों पर पहुंच गए और चंद्रभान कभी कांग्रेसी नहीं रहे, ऐसे में राजस्थान में कौन कार्यकर्ता का दर्द समझे। कार्यकर्ता का तो दर्द वह समझे जिसने कभी कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के लिए दिन रात काम कर मुकाम हासिल किया हो।
उन्होंने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं की बेकद्री के कारण ही कांग्रेस में आंतरिक तौर पर असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी में यह जो कुछ चल रहा है वह गांधी परिवार तक नहीं पहुंच रहा है। कुछ निहित स्वार्थी नेताओं ने बिना जमीन पर काम किए धन बल और जोड़तोड़ के बल पर पार्टी और सरकार में सब कुछ हासिल कर लिया है। ऐसे नेताओं ने एक घेरा बना लिया है। जो कोई भी सही बात आगे तक नहीं जाने देते।
सेवादल का राष्ट्रीय संगठक रहते मैं निष्ठावान पार्टी कार्यकर्ता का कोई काम नहीं करा सका, तो फिर ऐसे पद और ऐसी पार्टी से क्या वास्ता रखना। अब राजस्थान में तीसरे मोर्चे की अच्छी संभावनाएं हैं, जितने भी उपेक्षित महसूस करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता हैं उन्हें साथ लेकर जल्द ही नई शुरुआत की जाएगी।

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