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06 अक्तूबर 2012

अब हर सिलेंडर के लिए देना होगा ज्‍यादा पैसा, ममता बोलीं-वेरी बैड, वेरी सैड!



नई दिल्‍ली. सातवां ही नहीं, अब पहला सिलेंडर भी महंगा पड़ेगा। अब रियायती रसोई गैस सिलेंडर 11.42 रु. और गैर रियायती सिलेंडर 12.27 रु. महंगा मिलेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने शुक्रवार को रसोई गैस एजेंसी संचालकों का कमीशन बढ़ा दिया और उसका भार उपभोक्ताओं पर डाल दिया। इसी के कारण दामों में यह वृद्धि हुई है। नई दरें शुक्रवार से लागू हो गईं। ममता बनर्जी ने सरकार के इस फैसले को जनविरोधी करार दिया है। उन्‍होंने फेसबुक पर टिप्‍पणी की है, 'आपको पता है कि यूपीए-2 के दौरान एलपीजी की कीमतें कितनी बार बढ़ी हैं और इससे आम आदमी पर बोझ बढ़ा है? सरकार ने एक बार फिर इसकी कीमतें बढ़ा दी हैं। ...वेरी बैड, वेरी सैड।' हालांकि, एजेंसी के गोदाम से खुद गैस सिलेंडर लाने पर 15 रु. कम चुकाने होंगे। 
 
लेकिन नेशनल फेडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स ऑफ इंडिया सरकार के फैसले से खुश नहीं है। उसकी मांग है कि कमीशन 65 रुपये बढ़नी चाहिए। फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी पवन सोनी ने कहा कि यह दरअसल महंगाई भत्‍ता के आधार पर की गई बढ़ोतरी है, जो दो साल से बकाया था। और वैसे भी डीलर अपना  कमीशन 65 रुपये बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि एक अक्‍टूबर को मुलाकात में सरकार ने हमसे 15 दिन का वक्‍त मांगा था। इस मियाद के बाद हम आगे के कदम के बारे में सोचेंगे।
 
अगर फेडरेशन की जिद की आगे सरकार झुकती है तो ग्राहकों पर करीब 54 रुपये की मार और पड़ेगी। फेडरेशन जनता पर एक और बोझ डलवाने पर आमादा है। सोनी ने कहा कि मौजूदा नीति के तहत हमें तीन दरों (रियायती, गैर रियायती और व्‍यावसायिक) पर सिलेंडर बेचना पड़ रहा है। उन्‍होंने मांग की कि सरकार डीलरों के लिए सिर्फ एक दाम तय करे और सब्सिडी का पैसा ग्राहकों के बैंक खाते में जमा कराए। अगर ऐसा हुआ तो ज्‍यादातर ग्राहकों के लिए रसोई गैस का सिलेंडर लेना काफी मुश्किल हो जाएगा।

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