जोधपुर.दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सूर्यनगरी के बाजार में
16 क्विंटल चांदी के सिक्के बाजार में बिक्री के लिए उतारे जाएंगे। शहर की
देसी टकसाल में चांदी के सिक्कों की ढलाई का काम शुरू हो गया है। चांदी के
सिक्कों की सर्वाधिक खरीद दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस को होती है।
परकोटे के भीतर देसी टकसाल में ढलने वाले चांदी के सिक्कों की जोधपुर
ही नहीं पूरे पश्चिमी राजस्थान एवं पुणे और कोलकाता में बसे मारवाड़ी समाज
में साख है। वहां बसे मारवाड़ी लोग लक्ष्मी पूजन में देसी टकसाल में बने
चांदी के सिक्के का ही उपयोग करते हैं।
देसी टकसाल में नवरात्रा घट स्थापना के साथ ही चांदी के सिक्के बनाने
का काम शुरू हो जाता है। सर्राफा बाजार के जानकारों के अनुसार इस बार
जमाना अच्छा होने से समृद्धि के प्रतीक चांदी के सिक्के इस बार काफी तादाद
में बिकने की संभावना है।
एक से सौ ग्राम तक वजन
देसी टकसाल में 1, 2, 3, 4, 5, 8, 10, 20, 50 व100 ग्राम वजन के
सिक्के ढालने का काम शुरू हो गया है। इन सिक्कों में देवी लक्ष्मी सहित
विभिन्न देवी देवताओं के सिक्के प्रमुख हैं।
ऐसे हैं चांदी के सिक्के
लक्ष्मी पूजन के लिए ओम, ओम श्री, लक्ष्मी-गणेशगणोश-लक्ष्मी-सरस्वती
त्रिमूर्ति, श्रीयंत्र, विष्णु-लक्ष्मी, श्री लक्ष्मी के सिक्के की धनतेरस
को खरीद एवं दीपावली को लक्ष्मी पूजन किया जाता है। जैन समाज में
स्वास्तिक चिह्न् वाले सिक्कों की खरीद एवं पूजन करने की भी परंपरा है।
यहां है देसी सिक्कों की मांग
जोधपुर की देसी टकसाल में ढले सिक्कों की मांग जोधपुर शहर सहित
बाड़मेर, बालोतरा, सिवाणा,मोकलसर,रानी, जैसलमेर, फलौदी, पोकरण, नागौर,
अजमेर,पुणे व कोलकाता इत्यादि कई शहरों में है। देश के किसी भी शहर में
जहां मारवाड़ के लोग रहते हैं, वहां ये सिक्के भेजे जाते हैं।
जोधपुर के सिक्कों की पूरे देश में साख
'जोधपुर की देसी टकसाल में इस बार धनतेरस एवं दीपावली के लिए 1500 से
1600 किलो चांदी के सिक्के ढलने की उम्मीद है। देसी टकसाल में बनने वाले
सिक्कों की पूरे देश में आजादी से पहले से आज तक अपनी विशेष पहचान व साख
है।'
कमल सोनी, सिक्के वाला
परख कर खरीदें, नहीं तो ठगे जाओगे
'पिछले कुछ सालों से बाजार में चांदी के असली सिक्कों के साथ ही सफेद
मेटल से बने सिक्के भी आ रहे हैं, जो देखने में हूबहू चांदी जैसे होते हैं।
आम आदमी सस्ते के चक्कर में नकली सिक्के खरीद लेता है। इसी तरह से कम वजन
के सिक्के भी प्रचलन में रहते हैं। उदाहरण के तौर पर 5 ग्राम के स्थान पर
चार ग्राम और दस ग्राम के स्थान पर आठ ग्राम के सिक्के थमा दिए जाते हैं।
ऐसे में आम आदमी को सस्ते के चक्कर में पड़ने के स्थान पर ठोक बजा कर
खरीदना चाहिए।'
नवीन सोनी, सोने चांदी के ज्वैलर्स
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