शास्त्रों में भी शिव और शक्ति एक-दूसरे के पर्याय माने गए हैं। इसलिए यह पावन पर्व हर भक्त के लिए शक्ति के साथ शिव की उपासना का अचूक काल है। ऐसी उपासना आस्था और श्रद्धा से करने पर हर भय, बाधा व परेशानियां दूर कर सेहत, धन, मनोबल व आत्मविश्वास देने वाली होगी। ऐसे शुभ दिन के लिए यहां बताई जा रही है दुर्गा व शिव पूजा का आसान तरीका व आसान मंत्र उपाय -
- इस दिन सुबह नहाकर तन के साथ मन को भी पवित्र करें। देवमंदिर में साफ वस्त्र पहनकर जाएं।
- शिव व दुर्गा का जल-दूध से अभिषेक करें।
- महाष्टमी होने से दुर्गा पूजा के लिए लाल चंदन, लाल फूल, लाल चुनरी तो शिव पूजा के लिए धतूरा, बिल्वपत्र, सफेद फूल और सफेद वस्त्र शामिल करें।
- पूजा की इन खास सामग्रियों के अलावा शिव-शक्ति की पूजा गंध, अक्षत, मेंहदी, हल्दी, अबीर चढ़ाकर यथोपचार विधि से करें या कराएं। जानकारी न होने पर इस कार्य को किसी विद्वान ब्राह्मण से भी कराया जाना श्रेष्ठ होता है।
- पूजा में देवी दुर्गा को चने-हलवा का और शिव को खीर या दूध से बने पकवान चढ़ाएं।
- पूजा में देवी दुर्गा की प्रसन्नता के लिए देवी कवच, दुर्गासप्तशती का पाठ, शिव की प्रसन्नता के लिए शिव स्तोत्र का पाठ करें या कराएं।
- जानकारी न होने पर शिव और शक्ति की प्रसन्न्ता के लिए इन सरल मंत्रों का यथाशक्ति जप भी करना मंगलकारी साबित होगा-
देवी मंत्र -
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मताम्।।
शिव मंत्र -
(1) ऊँ साम्ब सदाशिवाय नम:।।
(2) भवाय भवनाशाय महादेवाय धीमहि।
उग्राय उग्रनाशाय शर्वाय शशिमौलिने।
- आखिर में क्षमा-प्रार्थना के साथ स्वयं और परिवार की सुख और मंगल की कामना करें।
- शिव-शक्ति की पूजा और आरती के बाद यथाशक्ति कन्याओं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं, पशुओं को चारा खिलाएं, अन्न, वस्त्र का दान करें, गरीबों की आर्थिक मदद करें।
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