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18 जुलाई 2012

राजस्थान में एक गुटका पाबंदी का कानून भी दुसरे कानूनों की तरह अलमारी और किताबों की शोभा बनने के लियें तय्यार है

राजस्थान के लियें एक नई खबर यहाँ आज मंत्रिमंडल की बैठक में गुटका जर्दा की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गयी है ..अभी यह फेसला मंत्रिमडल का है फिर यह कानून बनेगा और दुसरे कानूनों की तरह यह भी मंत्रियों और इसकी पालना कराने वाले अधिकारीयों की अलमारियों में सजा कर रखा जाएगा .....जी हाँ दोस्तों हमारे राजस्थान में कानून तो है लेकिन इनकी पालना नहीं पा रही है ..गुटका जर्दा बेचने और खरीदने की पाबंदी का भी कानून बन जाएगा लेकिन क्या यह सख्ती से लागू होगा या यूँ ही सियासी कानून बनकर दुसरे कानूनों की तरह किताबों और अलमारियों की शोभा बढायेगा ..दोस्तों मेरे इस राजस्थान में पुलिस अधिनियम है जिसमे पुलिस जवाबदार समितिया ..आयोग और कल्याणकारी आयोग बनाने का आवश्यक प्रावधान है लेकिन कानून है लेकिन पालना नहीं ..यहाँ पोलीथिन पर रोक का कानून है लेकिन बाजारों पोलीथिन की ठेलियां धड़ल्ले से चल रही है ..राजस्थान में धुम्रपान अधिनियम लागू है लेकिन स्कूलों कलेक्ट्री में खूब बिक्री है अदालतों में भी इनकी बिक्री चल रही है कोई रोकटोक करने वाला नहीं है ..प्र्धुशन रोकने का कानून अनावश्यक लाल बत्ती लगाने ..वाहनों पर पदनाम लिखने पर सजा और चलन का कानून है लेकिन खुद कलेक्टर..जज..महापोर.वगेरा गाड़ी के आगे पदनाम लिखवाकर इस कानून का उलंग्घन कर रहे है आगे सीट बेल्ट बंधकर गाडी पर बेठने का कानून है लेकिन मंत्री जी इस कानून की पलना नहीं करते ..नगर निगम या पालिका क्षेत्र में कब्जेदारों के खिलाफ कानून है लेकिन सरकारी भूमि पर अवेध कब्जे रोज़ हो रहे है ..सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लियें गिफ्ट उपहार नहीं लेने वक्त पर आने का कानून है लेकिन कोई इसे लागू नहीं करता ..अदालतों में चेक के मामले ..घरेलू हिंसा के मामले ..महर उपभोक्ता के मामले तीन माह में निपटने के निर्देश हैं ...अदालत में साक्ष्य आलेखित करते वक्त केवल एक ही काम कर जज द्वारा बयान लिखने का कानून है लेकिन एक ही वक्त में तीन तीन काम चलते है बस कानून है ....कलेक्टर हो चाहे कोई भी अधिकारी हो पब्लिक सर्वेंट है लेकिन अब वोह खुद को पब्लिक का नहीं गवर्मेंट सर्वेंट कहता है पब्लिक के लियें कम गवर्मेंट के लियें इंस्ट्रूमेंट बनकर हथियार के रूप में काम करता है कानून है लेकिन पालना नहीं कोई भी अधिअकरी एक जगह तीन साला से ज्यादा नहीं रहेगा लेकिन पुलिस और रशासनिक अधिकारी कई वर्षों से एक ही जिलों में जमे है और दीमक की तरह से चाट रहे है कानून है लेकिन पालना नहीं खेर बहुत लम्बी बात हो गयी क्योंकि पूरी किताब भर जायेगी लेकिन कानून और उसकी नाफरमानी खत्म नहीं होगी ..इसलियें दोस्तों गुटका जर्दा पाबंदी की राजस्थान में जो नियमावली तय्यार होगी उसे दिल से न लगाना गम्भीरता से न लेना कहीं गुटका बेचते देखो ब्लेक होते देखो तो भाई टेंशन न लेना क्योंकि कानून तो है पालना हो या न हो ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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