नई दिल्ली। जामा मस्जिद के पास बनाए जा रहे मेट्रो स्टेशन स्थित सुभाष मैदान को कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने सील कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) के हवाले कर दिया।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मस्जिद निर्माण पर रोक लगाकर विवादित जमीन को एएसआई को सौंपने का निगम को निर्देश दिया था।
शनिवार दोपहर 12 बजे नॉर्थ एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर पवन शर्मा, दीपक हस्तीर और क्षेत्रीय उपायुक्त सुभाष चंद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सुभाष मैदान पंहुचे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त स्वयं सुरक्षा की कमान संभाले थे। सुरक्षा व्यवस्था के चलते जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए थे।
समूचे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कथित रूप से खुदाई के दौरान निकली अकबराबादी मस्जिद के अवशेष देखने के लिए इस दौरान खासी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पहुंचे थे।
इसके साथ ही विहिप, बजरंग दल, राष्ट्रवादी सेना और जन जागृति मंच जैसे कई संस्थाओं के कार्यकर्ता भी पहुंचे थे। पुलिस ने सभी को विवादित जमीन पर जाने से रोक दिया।
हर तरफ पुलिस
सुरक्षा के मद्देनजर समूचे क्षेत्र को पुलिस छावनी में कर दिया गया था तब्दील। जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए । नॉर्थ एमसीडी के एडिशनल कमिश्नर पवन शर्मा, दीपक हस्तीर और क्षेत्रीय उपायुक्त सुभाष चंद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सुभाष मैदान पंहुचे।
विहिप, बजरंग दल, राष्ट्रवादी सेना और जन जागृति मंच जैसे कई संस्थाओं के कार्यकर्ता के साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नहीं जाने दिया गया विवादित जमीन पर।
निर्माणाधीन स्थल की घेराबंदी
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर लगभग 1.30 बजे निगम के अधिकारियों ने विवादित स्थल को अपने कब्जे में लेना शुरू किया। निर्माणाधीन स्थल को बैरिकेड्स से घेराबंदी कर सील कर दिया। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में निगम अधिकारियों ने जमीन को एएसआई को जांच के लिए सौंप दिया।
इस कार्रवाई के बाद सुभाष मैदान पर बड़ी संख्या में अर्ध सैनिक बल और दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा एनएमसीडी के जवानों को मुस्तैद कर दिया गया, ताकि फिर से विवादित स्थल पर किसी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं हो सके।
हम सोमवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। कोर्ट के रुख के बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा। शोएब इकबाल, विधायक
सुभाष मैदान पर अकबराबादी मस्जिद के अवशेष मिलने की झूठी कहानियां असमाजिक तत्वों द्वारा फैलाई गईं हैं। एएसआई को विवादित जमीन सौंप दी गई है। वह इस मामले की जल्द जांच कर रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दे। यदि ऐसे जल्द नहीं किया गया तो क्षेत्र में 150 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली शाहजहांनाबाद री-डेवलेपमेंट प्लान प्रभावित हो सकता है, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगो को भुगतना पड़ेगा। योगेन्द्र चांदोलिया, चेयरमैन, एनएमसीडी स्टैंडिंग कमेटी
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