एक लाख में एक बच्च : चिकित्सकों के अनुसार इसे कोंजोइंट ट्विन कहते हैं। यह सामान्य नहीं है। एक लाख में एक बच्चे में यह बीमारी पाई जाती है। इनका मल-द्वार भी खुला नहीं है। एक ही जननांग होने से डॉक्टर अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि ऐसे बच्चों के जीवित रहने की संभावना नगण्य होती है। इनका वजन 3.3 किलो है। सीटी स्कैन रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह सकते हैं।
वहीं गुना के जिला अस्पताल में एक महिला ने शरीर से जुड़े जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। दोनों बच्चे और महिला पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन बच्चों को अलग करने के लिए इंदौर के शिशु रोग विशेषज्ञों से संपर्क किया जा रहा है।
संभवत: एक सप्ताह बाद इन बच्चों का शरीर से अलग करने का ऑपरेशन किया जाएगा।
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