अम्बाला।हम अपने जीवन कई बार लोगों से सुनते हैं किफलाना शख्स तो शेख चिल्ली की तरह बात कर रहा है। यह वो नाम है, जो अपनी कल्पनाओं और ख्याली पुलाव के लिए प्रसिद्ध रहा है। अगर कुरुक्षेत्र महाभारत के लिए प्रसिद्ध है तो उससे कुछ ही दूरी पर स्थित थानेसर शेखचिल्ली के कारनामों के लिए।
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थानेसर में शेख चिल्ली का बड़ा ही खूबसूरत मकबरा मौजूद है। चिल्ली अपने समय के बड़े सूफी संतों में से एक थे, जिन्हें अब्द उर्र रहीम, अलैस अब्द उइ करीम, अलैस अब्द उर्र रज्जाक के नाम से भी जाना जाता है। यह मुगल बादशाह और औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह के आध्यात्मिक गुरु भी थे। मकबरे का निर्माण पर्शियन स्थापत्य कला के प्रभावित है।