आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 जुलाई 2012

जिनके नाम से कोटा का नाम पड़ा 300 साल बाद लगाई जाएगी उनकी प्रतिमा

कोटा. जिनके नाम से कोटा का नाम पड़ा उस कोटिया भील की पहली प्रतिमा 300 साल बाद लगाई जाएगी। इसके लिए यूआईटी ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और रंगबाड़ी सर्किल के पास एक पार्क को चिन्हित किया है। इसे बनने में करीब 4 माह लगेंगे।

कोटा जब अलग शहर या राज्य न होकर बूंदी के अधीन था, तब चंबल नदी के दाहिनी तट पर अकेलगढ़ के शासक सरदार कोटिया भील ने सन् 1264 में बूंदी पर हमला किया था। बूंदी के तत्कालीन शासक जैत सिंह से उनका वर्तमान में कोटा गढ़ पैलेस वाले स्थान पर युद्ध हुआ। कई दिन तक चले युद्ध में कोटिया भील शहीद हुए। उनकी बहादुरी और पराक्रम को देखते हुए बूंदी के शासक ने कोटिया भील के नाम पर कोटा राज्य की अलग से स्थापना की। रंगबाड़ी सर्किल के निकट पार्क में संगमरमर की आदमकद प्रतिमा लगाने के लिए यूआईटी 59 लाख रुपए खर्च करेगा। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई।

राजा ने बनवाया था मंदिर

इतिहासकार फिरोज अहमद के अनुसार वर्तमान में जहां कोटा गढ़ पैलेस है वहां पर कोटिया भील पर तीन बार हमले हुए। एक बार उनकी गर्दन अलग हुई, लेकिन फिर उनका धड़ लड़ता रहा। फिर उनके धड़ को भी दो हिस्सों में बांटा गया। उसी स्थान पर गढ़ की नींव रखी गई है। गढ़ बनने के बाद सबसे पहले वहां कोटिया भील के तीन रूप स्थापित किए गए। उन तीनों रूपों की तब से लेकर आज तक पूजा की जाती है। अब भी गढ़ की तरफ से उनकी पूजा के लिए पुरोहित नियुक्त कर रखा है।

कोटिया भील की प्रतिमा कैसी होगी, इसके लिए भील समाज द्वारा पिछले दिनों यूआईटी को हाथ से बनी कोटिया भील की कुछ फोटो दी थी। उन्हीं फोटो के आधार पर प्रतिमा तैयार करवाई जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...