समाज का दानवी चेहरा दिखाने वाली इन तीनों घटनाओं का ब्यौरा पढ़ने और असम की घटना के फोटो क्लिप देखने के लिए आगे क्लिक करें। क्या वाकई भारत कायरों का देश हो गया है, जहां ऐसी घटनाओं के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पुलिस, जनता या फिर समाज की घटिया सोच
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 जुलाई 2012
कायरों का देश? 20 मनचले सरे राह फाड़ते रहे लड़की के कपड़े, तमाशा देखते रहे लोग
समाज का दानवी चेहरा दिखाने वाली इन तीनों घटनाओं का ब्यौरा पढ़ने और असम की घटना के फोटो क्लिप देखने के लिए आगे क्लिक करें। क्या वाकई भारत कायरों का देश हो गया है, जहां ऐसी घटनाओं के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? पुलिस, जनता या फिर समाज की घटिया सोच
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