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14 जून 2012

त्रिया हठ बनाम त्रिया हठ का महासंग्राम देश में तूफ़ान के पहले जेसी खामोशी का माहोल है

दोस्तों देश में राष्ट्रपति जेसे चुनाव को लेकर पहली बार त्रिया हठ बनाम त्रिया हठ का तमाशा देखने को मिल रहा है और इस महत्वपूर्ण पद के लियें किसी योग्य पुरुष को चुनने को लेकर देश की महिलाएं अब त्रिया हठ पर अटक गयी है ..जेसा की आपको पता है के देश की पहली नागरिक महामहीम राष्ट्रपति है ..आपको यह भी पता है के देश की लोकसभा की अध्यक्ष महिला है और यह तो बताने की जरूरत है ही नहीं के यु पी ऐ सरकार का रिमोट अपने हाथ में लेकर कोन महिला सरकार चला रही है ...दक्षिणी भारत की महिला मुख्यमंत्री जो अपनी कुर्सी हर जगह साथ लेकर चलती है उनका तो कहना ही किया और जिंदा होकर भी अपनी मूर्ति स्थापित करने वाली महिला के बारे में तो लोग कहते है के इनसे अल्लाह बचाए ..एक और जिद्दी स्वभाव लेकर मुख्यमंत्री बने वाली महिला है जिनके बारे में कहा जाता है के यह जनता के बारे में सोचती है और मदर इण्डिया है ............................यह सभी महिलाएं वर्तमान में देश के महामहिम के चयन का ज़िम्मा अपने ऊपर लिए हुए है और निर्णायक भूमिका लेकर पुरुषों से अव्वल नम्बर पर है ................ममता बनर्जी को देख लिजियें उन्होंने कोंग्रेस की जीती हुई बाज़ी हार में बदल कर ऐ पी जे अप्ब्दुल कलाम का नाम देश को दिया है और उसको भरी समर्थन मिल रहा है एक तरफ यु पी ऐ सरकार को समर्थन और दूसरी तरफ देश के हित में इस पद पर चयन को लेकर बगावती तेवर ...दूसरी तरफ सोनिया जी है जिनके लियें कहा जाता है के उनके पास देश को चलाने का रिमोट है लेकिन लगता नहीं ..सच तो यह लगता है के उनका रिमोट भी किसी दुसरे के पास है इसीलियें हर फेसला कोंग्रेस को नुकसान पहुँचाने वाला हो रहा है ..कोंग्रेस की तो कोई बात नहीं देश और देश की जनता को भी बचकाने और जिद्दी भरे निर्णयों से काफी नुकसान हो रहा है ...अब बात मायावती की करते है इस चुनाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है अगर उन्होंने तराजू का पडला बदल लिया तो परिणाम अप्रत्याशित होंगे वेसे उनका और उनकी पार्टी का स्वभाव ऍन वक्त पर वायदा कर धोखा देने वाला है इस बार देखते है क्या होता है .........................जयललिता जी के बारे में तो सभी जानते है वोह भी जिद्दी और गुस्से वाली हैं करूणानिधि की वजह से कोंग्रेस से नाराज़ है खुद अपनी कुर्सी जहां जाती है साथ लेजाने के लियें मशहूर हैं ऐसी संकी महिला कब क्या फेसला बदल दे कुछ कह नहीं सकते ..लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को तो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है और महामहिम प्रतिभा पाटिल को महिला होने पर भी अपनी करोड़ों की संपत्ति वापस साथ ले जाना है ...............तो जनाब त्रिया हठ सोनिया कहती है प्रणव हो ...ममता कहती है ऐ पी जे कलाम हो ...और माया ..जयललिता जब निनायक हो तो फिर तो देश की राजनीति का ध्रुवीकरण महिला नेताओं के हाथों में ही रहा ना .................एक बात तो है के ममता ने अचानक राष्ट्रपति चुनाव को गर्म दिया ..एक तरफा माहोल को बदल दिया और कोंग्रेस को बेकफुट पर आने को मजबूर कर दिया ..लेकिन यह महिला भी दो बार अविश्वास प्रस्ताव अल्पमत में होने के बाद भी चाहे सोदेबाज़ी कहो चाहे हिकमते अमली कहो जीत चुकी है इसलियें इन हालातों से भी वोह डीके कर मुकाबला कर रही है लेकिन इस बार त्रिया हठ इस देश के लियें घातक हो सकता है ...समाज में ..देश में ..मिडिया में ..सोशल साइटों पर राष्ट्रपति पद के लियें जनता की राय किसी भी तरह से प्रणव के पक्ष में नहीं है प्रणव को विलेन बना कर पेश किया जा है देश के हालातों के लियें उन्हें ही ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है उनके प्रति राष्ट्र के लोगों में प्रेम नहीं नफरत का भाव स्पष्ट नज़र आ रहा है जबकि ऐ पी जे कलम की चुप्पी इम्नका पूर्व कार्यकाल और अंतर्राष्ट्रीय क़द उन्हें इस सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है ....देखते है त्रिया हठ महासंग्राम में जीत किसकी होती है लेकिन यह तूफ़ान के पहले की खामोशी है भाई .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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